राजस्थान सरकार ने स्कूल से वापस मंगाई चार पुस्तक, एक में था 'गोधरा कांड का जिक्र'; क्या बताई वजह?
राजस्थान में सभी उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में पिछले महीने चार ऐसी पाठ्य पुस्तकें पहुंच गईं जिन पर भाजपा नेताओं और शिक्षाविदों को आपत्ति थी। सबसे अधिक विवाद गोधरा कांड के उल्लेख वाली पुस्तक अ²श्य लोग-उम्मीद और साहस की कहानियां नामक पुस्तक पर हुआ। सरकार ने पिछले दिनों जांच कमेटी बनाई थी जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को पुस्तक वापस मंगवा ली गई।
जागरण संवाददाता, जयपुर: राजस्थान में सभी उच्च माध्यमिक सरकारी स्कूलों में पिछले महीने चार ऐसी पाठ्य पुस्तकें पहुंच गईं, जिन पर भाजपा नेताओं और शिक्षाविदों को आपत्ति थी। सबसे अधिक विवाद गोधरा कांड के उल्लेख वाली पुस्तक 'अ²श्य लोग-उम्मीद और साहस की कहानियां' नामक पुस्तक पर हुआ।
सरकार ने पिछले दिनों जांच कमेटी बनाई थी, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को पुस्तक वापस मंगवा ली गई। राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने अन्य उन तीन पुस्तकों को भी वापस मंगवा लिया है, जिनमें दो कक्षाओं के लिए 'जीवन की बहार' और तीसरी 'चिठ्ठी - एक कुत्ता और उसका जंगल फार्म' है।
चारों पुस्तकें निजी संगठन ने किए प्रकाशित
पुस्तकें जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालयों में जमा कराने का निर्देश दिया गया है। हालांकि आधिकरिक तौर पर कहा गया है कि कागज और छपाई की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए जांच कराई गई थी। चारों पुस्तकें शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए पुस्तकालय अनुदान के तहत निजी संगठन की ओर से प्रकाशित की गई थीं।'गोधरा कांड क्यों हुआ, कैसे हुआ?
अ²श्य लोग-उम्मीद और साहस की कहानियां' नामक पुस्तक में गुजरात के गोधरा कांड का उल्लेख किया गया है। पुस्तक के एक अध्याय में यह बताया गया है कि गोधरा कांड क्यों हुआ, कैसे हुआ और ट्रेन का डिब्बा जलाने के बाद क्या हालात बने। इस अध्याय में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।
उधर, पुस्तक वापस मंगवाने को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के नाम पर नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। पुस्तकों को छपवाने और वापस मंगवाने में करीब 30 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान किया गया है।
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