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    राजस्थान सरकार का जवाब, मंत्री मीणा सहित किसी का फोन टेप नहीं हुआ; विपक्ष का वॉक आउट

    गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने सरकार की ओर से मामले में जवाब देते हुए कहा मैं जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि मीणा का टेलीफोन टेप नहीं हुआ है। इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यदि मीणा का टेलीफोन टेप नहीं हुआ तो फिर क्या सरकार उनके आरोपों पर कार्रवाई करेगी। फिर मीणा का इस्तीफा क्यों नहीं स्वीकार किया जाता।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 20 Feb 2025 11:30 PM (IST)
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    गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने फोन टेप मामले में दिया जबाव (फोटो- एक्स)

     जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि सरकार ने प्रदेश के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा सहित किसी का फोन टेप नहीं करवाया है।

    किरोड़ी लाल मीणा का टेलीफोन टेप नहीं हुआ- मंत्री

    गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने सरकार की ओर से मामले में जवाब देते हुए कहा, मैं जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि मीणा का टेलीफोन टेप नहीं हुआ है। इस पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यदि मीणा का टेलीफोन टेप नहीं हुआ तो फिर क्या सरकार उनके आरोपों पर कार्रवाई करेगी। फिर मीणा का इस्तीफा क्यों नहीं स्वीकार किया जाता।

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    कांग्रेस के विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया

    फोन टैपिंग के मुद्दे पर कांग्रेस के विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जब बोल रहे थे तो वन मंत्री संजय शर्मा ने एक पोस्टर लहराया। इस पर टीकाराम ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री ही सदन में पोस्टर लहरा रहे हैं, यह किस नियम में है। इस पर सदन में हंगामा हुआ।

    विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायकों को सदन में लगाए गए आईपैड का सही तरीके से इस्तेमाल करने की नसीहत दी। शून्यकाल में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने को¨चग संस्थानों में काउंसलर्स नहीं रखने पर सवाल उठाए।

    राज्य सरकार कोचिंग संस्थानों को लेकर विधेयक लाएगी

    सरकार की ओर से जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलर्स रखने का प्रविधान है। राज्य सरकार कोचिंग संस्थानों को लेकर विधेयक लाएगी। जब तक विधेयक नहीं आ जाता तब तक सरकार के पास कोचिंग संस्थानों में जाकर दखल देने का अधिकार नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बावजूद पालन नहीं किया जा रहा है।