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सूर्य नमस्कार के फैसले के खिलाफ याचिका को राजस्थान हाई कोर्ट ने किया खारिज, सरकार ने स्कूलों में किया है अनिवार्य

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाने के सरकार के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई है। न्यायाधीश महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने मुस्लिम फोरम की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पंजीकृत संस्था नहीं है। हाई कोर्ट में कोई भी याचिका तभी दायर की जा सकती है जब वह रजिस्टर्ड संस्था हो।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Wed, 14 Feb 2024 06:37 PM (IST)
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राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाने के सरकार के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई है। न्यायाधीश महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने मुस्लिम फोरम की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पंजीकृत संस्था नहीं है। हाई कोर्ट में कोई भी याचिका तभी दायर की जा सकती है जब वह रजिस्टर्ड संस्था हो। कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से भी याचिका दायर कर सकता है। याचिका दायर करने वाली संस्था मुस्लिम फोरम पंजीकृत नहीं है।

राज्य सरकार ने जारी किया था आदेश

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 15 फरवरी सूर्य सप्तमी के दिन स्कूलों में सूर्य नमस्कार अनिवार्य रूप से करने का आदेश जारी किया है। इसके बाद नियमित रूप से प्रार्थना सभा में प्रतिदिन सूर्य नमस्कार होगा। दूसरी ओर, स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाए जाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के महासचिव काशिफ जुबेरी की ओर से दायर याचिका पर हाई कोर्ट 20 फरवरी को सुनवाई करेगा।

दोनों याचिकाओं में कहा गया है कि राज्य सरकार का स्कूलों में सूर्य नमस्कार करवाने का निर्णय गैर संवैधानिक है। यह संविधान के अनुच्छेद-25 का उल्लंघन करता है। अनुच्छेद-25 में हर व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता दी गई है। सरकार का यह आदेश व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है। इसे रद किया जाए अथवा इसे अनिवार्य रूप से लागू नहीं करके वैकल्पिक रखा जाए। इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी अन्य की वंदना करने की अनुमति नहीं है।

सूर्य नमस्कार जोर-शोर से होगा: शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सूर्य नमस्कार जोर-शोर से होगा। सूर्य सप्तमी के दिन स्कूलों छात्र-छात्राएं सूर्य नमस्कार करेंगे। सूर्य नमस्कार धार्मिक क्रिया नहीं है। विश्व के कई देशों ने सूर्य नमस्कार को स्वीकार किया है। 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। सूर्य नमस्कार एक तरह का सर्वांग योग हे। इसमें सभी तरह के योग समाहित है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का आदेश सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू होगा। स्कूल में आने वाले सभी छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को सूर्य नमस्कार करना होगा। जिसे सूर्य नमस्कार नहीं करना, वह स्कूल में नहीं आए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में तय ड्रेस पहनकर आना अनिवार्य है। हिजाब पहनकर स्कूल आना उचित नहीं है।

जमियत उलेमा-हिंद ने की बहिष्कार की अपील

जमियत उलेमा-हिंद ने जयपुर में एक बैठक कर प्रस्ताव पास करके मुस्लिम समुदाय से स्कूलों मे सूर्य सप्तमी के उपलक्ष्य में हो रहे सूर्य नमस्कार के आय़ोजन के बहिष्कार की अपील की है। संगठन का कहना है कि इस तरह का आदेश धार्मिक मामलों में खुला हस्तक्षेप और संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंखन है।

संगठन के महासचिव अब्दुल वाहिद खत्री ने कहा कि बहुसंख्यक हिंदू समाज में सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। इस अभ्यास में बोले जाने वाले श्लोक और प्रणमासन्न, अष्टांगासन आदि क्रियांए एक इबादत का रूप है। इस्लाम धर्म में अल्लाह के सिवाय किसी अन्य की पूजा अस्वीकार्य है। इसे किसी भी रूप या परिस्थिति में स्वीकार करना मुस्लिम समुदाय के लिए संभव नहीं है।

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