'लीपापोती क्यों की जा रही है?' अपनी ही सरकार पर भड़के राजस्थान के कैबिनेट मंत्री; सीएम भजनलाल पर उठाए सवाल
Rajasthan भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले को लेकर राजस्थान की सियासत गरमा गई है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा अपनी ही सरकार के खिलाफ उतर आए हैं और खुलेआम सीएम भजनलाल की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी समझ से बाहर है कि मुख्यमंत्री भर्ती परीक्षा क्यों नहीं रद्द कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने और भी कई सवाल पूछे हैं।
नरेंद्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। करीब 10 महीने के कार्यकाल में विभिन्न मुददों को लेकर अपनी ही सरकार को घेरने वाले कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कामकाज के तरीके पर ही सवाल उठा दिया है।
करीब तीन महीने पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले मीणा ने कहा कि पेपर लीक और नकल के मुद्दे को लेकर विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने पिछली कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किए थे। इसका राजनीतिक लाभ भी मिला। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ( एसओजी) की जांच में सहायक पुलिस निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) भर्ती परीक्षा-2021 में पेपर लीक, नकल व फर्जीवाड़े का मामला साफ हो गया। एसओजी ने भर्ती परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की।
सीएम पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के वकीलों ने भी यही राय दी, लेकिन यह समझ से बाहर है कि मुख्यमंत्री भर्ती परीक्षा क्यों नहीं रद्द कर रहे हैं। इसके बजाय मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की कमेटी बना दी। यह समझ से परे है कि लीलापोती क्यों की जा रही है? मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल की चार बैठकों में नहीं जाने वाले मीणा पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे।
उन्होंने बैठक में सीएम और साथी मंत्रियों के समक्ष भी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम ने परीक्षा रद्द करने का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्होंने मंत्रियों की कमेटी बना दी। उल्लेखनीय है कि एसओजी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि सहायक उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 का पेपर परीक्षा केंद्र से ही लीक हुआ और इसमें डमी कैंडिडेट भी बिठाए गए।
फर्जी चिकित्सकों का पर्दाफाश भी मीणा ने ही किया
राजस्थान में फर्जी चिकित्सक बनाने के गिरोह का पर्दाफाश भी मीणा ने ही किया। उन्होंने 24 सितंबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमें कहा था कि राज्य में फर्जी चिकित्सकों का पैसे लेकर पंजीकरण किया जा रहा है। 12वीं पास युवकों ने विभिन्न राज्यों से फर्जी डिग्रियां लीं और राजस्थान मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण करा चिकित्सक बन गए। मीणा ने कहा कि जब सरकार में सुनवाई नहीं हुई तो मैंने ही मीडिया को मामला दिया था।