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बढ़़ते दुष्‍कर्म केसों पर नेता प्रतिपक्ष का सरकार को घेरने का प्रयास, धारीवाल बोले-इंटरनेट मीडिया की अश्लील सामग्री के कारण घटनाएं बढ़ी

सरकार ने लोक सुरक्षा विधेयक तैयार किया है। विधानसभा में यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो अधिसूचित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा । सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन लगाना भी अनिवार्य होगा । उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।

By Vijay KumarEdited By: Updated: Tue, 08 Mar 2022 07:41 PM (IST)
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राज्य में पाक्सो एक्ट के 50 से ज्यादा न्यायालय होने के बावजूद 129 आरोपितों को ही सजा हुई,
 जागरण संवाददाता, जयपुर : राजस्थान में दुष्कर्म के बढ़ते मामलों को लेकर मंगलवार को विधानसभा में सरकार को घेरने का प्रयास किया। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चन्द कटारिया ने छोटी बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपितों को सजा का प्रतिशत कम होने पर सवाल उठाया। कटारिया के सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इंटरनेट मीडिया की अश्लील सामग्री के कारण दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी है। इंटरनेट मीडिया पर अश्लील सामग्री परोसी जाती है। इसके कारण ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिलता है। बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को सजा दिलवाने के साथ ही ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं।

विधेयक पारित होने पर अधिसूचित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा

धारीवाल ने कहा कि सरकार ने लोक सुरक्षा विधेयक तैयार किया है। विधानसभा में यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो अधिसूचित क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा । सार्वजनिक परिवहन में पैनिक बटन लगाना भी अनिवार्य होगा । उन्होंने बताया कि जनवरी, 2019 से जनवरी, 2022 की तीन साल की अवधि में छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 5,793 मामले पुलिस में दर्ज किए गए हैं। ऐसे में प्रतिदिन पांच बच्चियों से दुष्कर्म की घटना हुई है।

4,631 मामलों में चालान पेश किया, 283 मामलों में चालान पेश किया जाना शेष है

उन्होंने बताया कि नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के आरोप में 6,628 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। दुष्कर्म के दर्ज 129 मामलों में 398 आरोपितों को न्यायालय से सजा हुई है। वहीं 4,631 मामलों में न्यायालय में चालान पेश किया गया । 283 मामलों में न्यायालय में चालान पेश किया जाना शेष है। मंत्री के जवाब पर सवाल उठाते हुए कटारिया ने कहा कि राज्य में पाक्सो एक्ट के 50 से ज्यादा न्यायालय होने के बावजूद अब तक 129 आरोपितों को ही सजा हुई,यह हालात ठीक नहीं है। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए ।

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