Rajasthan: कोटा में मांझे से गला कटने से 12 साल के मासूम की मौत, पांच अन्य लोग घायल; अस्पताल में भर्ती
मकर संक्रांति के त्योहार से पहले कोटा बूंदी और झालावाड़ के जिला कलेक्टरों ने कांच वाले मांझा या चीनी मांझों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद कांच से लिपटी पतंग की डोर से गला कटने से 12 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि जिले में इसी तरह की घटनाओं में पांच अन्य घायल हो गए।
पीटीआई, कोटा (राजस्थान)। कांच से लिपटी पतंग की डोर से गला कटने से 12 वर्षीय लड़के की मौत हो गई। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि जिले में इसी तरह की घटनाओं में पांच अन्य घायल हो गए।
कक्षा 5 का छात्र सुरेंद्र भील सोमवार शाम को अपने घर की छत पर अपने दोस्तों के साथ पतंग उड़ा रहा था, उसी दौरान यह घटना हो गई। सहायक उपनिरीक्षक भंवर सिंह ने बताया कि छात्र को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मांझे से गर्दन कटने से पांच लोग गंभीर रूप से घायल
मकर संक्रांति के दौरान प्रतिबंधित पतंग की डोर से एक 60 वर्षीय व्यक्ति समेत पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रविवार को रामलाल मीणा नाम का एक आदमी जब अपनी मोटरसाइकिल पर घर लौट रहा था, तो सत्तूर गांव में पतंग की डोर से उसकी गर्दन कट जाने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उनके परिवार ने कहा कि मीना को 13 टांके आए हैं और उन्हें कोटा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।चीनी और कांच वाले मांझे पर प्रतिबंध
मकर संक्रांति के त्योहार से पहले, कोटा, बूंदी और झालावाड़ के जिला कलेक्टरों ने कांच वाले मांझा या चीनी मांझों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे। उत्तरायण त्योहार, जिसे मकर संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है, पारंपरिक रूप से पतंग उड़ाने से जुड़ा है।यह भी पढ़ें: Rajasthan: अब अपराधियों की खैर नहीं, साइबर Hackathon में भाग लेगी 300 टीमें; DG साइबर क्राइम ने बताई रणनीति
घायल पक्षियों को उपचार प्रदान करने में मदद करने वाले एक गैर सरकारी संगठन के अध्यक्ष के अनुसार, कोटा शहर में पतंग की तेज डोर के कारण सात पक्षियों की मौत हो गई और 34 अन्य घायल हो गए।यह भी पढ़ें: Rajasthan: घना कोहरा बना काल, सीकर में दो कारों में हुई जोरदार टक्कर; 6 लोगों ने तोड़ा दम
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