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'दुष्कर्म और महिलाओं के प्रति हिंसा में राजस्थान देश में नंबर एक पर' - एनसीआरबी ने जारी की रिपोर्ट

राजस्थान में दुष्कर्म और महिला हिंसा को लेकर अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि राजस्थान पिछले तीन साल से महिला हिंसा के मामलों में पहल नंबर पर है। प्रदेश में जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक दुष्कर्म के 13890 मामले दर्ज हुए हैं।

By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2022 04:03 PM (IST)
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राजस्थान में दुष्कर्म और महिला हिंसा को लेकर अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। महिलाओं और युवतियों के प्रति अपराध में राजस्थान देश में अव्वल है। हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार में राजस्थान देश में नंबर एक पर है। राजस्थान में साल, 2021 में 6,377 दुष्कर्म के मामले हुए जो साल 2020 के 5,310 के मुकाबले एक हजार से ज्यादा है।

राजस्थान ने दुष्कर्म के मामलों में सभी राज्यों को पीछ़े छोड़ दिया

दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान ने उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और असम जैसे राज्यों को पीछ़े छोड़ दिया है। राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। मध्यप्रदेश में साल, 2020 में 2,339 मामले थे, जबकि 2021 में ये नंबर बढ़कर 2,947 हो गए। रिपोर्ट के अनुसार साल, 2021 में उत्तरप्रदेश में 2,845 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। वहीं, महाराष्ट्र में 2,496 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए हैं। असम में 1,733 जबकि दिल्ली में 1250 केस दर्ज किए गए।

राजस्थान में दुष्कर्म और महिला हिंसा को लेकर अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि राजस्थान पिछले तीन साल से महिला हिंसा के मामलों में पहल नंबर पर है। प्रदेश में जनवरी, 2020 से अप्रैल, 2022 तक दुष्कर्म के 13,890 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 11,307 दुष्कर्म की घटनाएं नाबालिग लड़कियों के साथ हुई है। दो से 12 साल तक की उम्र की 170 लड़कियों से दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। जानकारी के अनुसार सरकार ने ऐसे मामलों में 2013 में फांसी की सजा का प्रावधान किया है। जयपुर के सात पाक्सो न्यायालय में 700 मामले लंबित है।

फांसी की सजा के मामले लंबित

बूंदी के पाक्सो न्यायालयने 20 अप्रैल2022 को नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित सुल्तान और छोटू को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन सजा की पुष्टि के लिए मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। जयपुर में साढ़े चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सुरेश कुमार को 10 फरवरी,2022 को फांसी की सजा सुनाई थी। आरोपित की अपील उच्च न्यायालय में लंबित है।

झुंझुनूं के पाक्सो न्यायालय ने 17 मार्च,2021 को पांच साल की बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपित सुनील कुमार को फांसी की सजा सुनाई थी। मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। झालावाड़ की पाक्सो मामलों की कोर्ट ने सात साल की बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपित कोमल लोढ़ा को साल,2018 में फांसी की सजा सुनाई थी,जिसे उच्च न्यायालय ने साल,2019 में उम्रकैद में बदल दी ।

अलवर के पाक्सो न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपित राजकुमार को फांसी की सजा सुनाई, लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे रदद कर दिया। नागौर में भी एक बच्चे के दुष्कर्मी को फांसी नहीं हो सकी है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान पुलिस ने पिछले दिनों एक रिकार्ड जारी कर किया था। इसमें बताया गया था कि दुष्कर्म और छेड़छाड़ के इस साल जनवरी से जुलाई तक दर्ज हुए मामलों में 48 फीसदी जांच के बाद झूठे पाए गए थे। 

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