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Rajasthan Police Academy: राजस्थान पुलिस अकादमी बनी देश की सर्वश्रेष्ठ अकादमी

Rajasthan Police Academy. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अकादमी को ट्रॉफी तथा आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 20 लाख रुपये अनुदान राशि दी जाएगी।

By Sachin MishraEdited By: Updated: Thu, 05 Dec 2019 12:36 PM (IST)
Rajasthan Police Academy: राजस्थान पुलिस अकादमी बनी देश की सर्वश्रेष्ठ अकादमी
जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Police Academy. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पुलिस के अराजपत्रित अधिकारियों यानी कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर तक के प्रशिक्षण के लिए जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी को देश की सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी घोषित किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने यह मूल्यांकन किया था। राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि पुलिस अकादमी को इसके साथ-साथ राजपत्रित अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए उत्तरी जोन की सर्वश्रेष्ठ अकादमी के रूप में भी चयनित किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अकादमी को ट्रॉफी तथा आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 20 लाख रुपये अनुदान राशि दी जाएगी। इस प्रकार जोनल स्तर पर सर्वश्रेष्ठ घोषित होने पर आधारभूत ढांचे के विकास के लिए दो लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक डॉ. भूपेंद्र सिंह ने इस उपलब्धि के लिए राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक हेमंत प्रियदर्शी एवं उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए इसे राजस्थान पुलिस के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया है।

इसलिए मिला खिताब

अकादमी के उपनिदेशक मनीष अग्रवाल ने बताया कि यह मूल्यांकन वर्ष 2015-16 के लिए किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा देश की समस्त पुलिस अकादमियों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता के आधार पर सर्वश्रेष्ठ पुलिस अकादमी का चयन किया जाता है। चयन प्रक्रिया में प्रशिक्षण की गुणवत्ता के साथ-साथ प्रशिक्षकों का कौशल, प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन, प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध आधारभूत ढांचा, प्रशिक्षण में नई तकनीकों का प्रयोग, पर्यावरण संरक्षण तथा सामाजिक सरोकार के प्रति प्रतिबद्धता जैसे कुल 28 मापदंडों को आधार बनाया जाता है। अकादमी में प्रशिक्षण से संबंधित काम देखने वाले इंस्पेक्टर धीरज वर्मा ने बताया कि अकादमी को प्रशिक्षण व सामाजिक सरोकार सहित सभी बिंदुओं पर श्रेष्ठ पाया गया।

अकादमी की खासियत

- यहां हर साल करीब ढाई हजार पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

- प्रशिक्षण में आउटडोर गतिविधियों पर ज्यादा जोर होता है। कानून समझाने और कार्रवाई के लिए सजीव परिस्थितियां बनाई जाती हैं।

-सभी क्लासरूम स्मार्ट हैं। इसके अलावा एक वर्चुअल क्लासरूम भी हैं। यहां जो सिखाया जाता है वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य के 12 जिलों में स्थित जिला पुलिस अकादमियों में देखा जा सकता है।

-आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए यह अकादमी नोडल केंद्र है। यहां से अब तक तीन से चार हजार महिला पुलिसकर्मियों और अन्य विभागों के कर्मचारियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर बनाया। इन लोगों ने आगे हजारों लोगों को प्रशिक्षित किया है।

- अकादमी का आधारभूत ढांचा अत्याधुनिक है। यहां नौ बेसिक कोर्स, 13 प्रमोशन कोर्स और 51 अलग-अलग तरह के कोर्स कराए जाते हैं।

-पुलिस अकादमी के कर्मचारियों के परिवारों के लिए महिला कल्याण केंद्र, बाल केंद्र आदि भी हैं।

-सामाजिक सरोकारों के तहत कई जिलों में काम किए जाते हैं। अकादमी ने टोंक जिले को पुलिस बाल मित्र जिले के रूप में गोद लिया था और यहां बच्चों की सुरक्षा के बारे में व साइबर अपराध को लेकर पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।

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