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Rajasthan: फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर भर्ती के पेपर भी हुए थे लीक! 14 लोगों की फर्जी डिग्री मिलने पर पुलिस ने तेज की जांच

राजस्थान में 2018 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर भर्ती के दौरान परीक्षा में गड़बड़ी का मामले सामने आया है। जब उम्मीदवारों की कॉलेज डिग्री की जांज की गई तो इसे फेक या नकली पाया गया। अब पुलिस ने ऐसे 14 उम्मीदवारों की पहचान की है जिन्होंने कथित तौर पर अगस्त 2018 की परीक्षा के दौरान फर्जी डिग्री का इस्तेमाल करके पद हासिल किया था।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 07 Jul 2024 09:20 AM (IST)
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राजस्थान पेपर लीक मामले में एक्शन मोड में पुलिस (फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, जयपुर। देश में आए दिन पेपर लीक के मामले सामने आ रहे हैं, अब राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर से एक पेपर लीक का मामला सामने आया है। दरअसल ये मामला सरकारी स्कूलों के लिए फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर की भर्ती को लेकर है। इस घटना में जब कई सफल उम्मीदवारों की कॉलेज डिग्री की जांज की गई तो उन्हें फेक या नकली पाया गया। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है।

बता दें कि ये मामला साल 2018 का है, जब फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर की भर्ती के दौरान पेपर लीक की घटनाएं सामने आई थी। 2022 पीटीआई परीक्षा में अनियमितताओं सामने आने के बाद इस मामले ने फिर से तूल पकड़ लिया। पुलिस इस घटना की जांच कर रही है, डूंगरपुर में पुलिस ने 14 उम्मीदवारों की पहचान की है जिन्होंने कथित तौर पर अगस्त 2018 की परीक्षा के दौरान फर्जी डिग्री का इस्तेमाल करके पद हासिल किया था।

परीक्षा से पहले करवाते थे पेपर लीक

अब डूंगरपुर के अलग-अलग स्कूलों में काम कर रहे इन लोगों पर परीक्षा से पहले पेपर लीक करने का भी संदेह है। सूत्रों ने कहा कि जांच से पता चला है कि स्थानीय परीक्षा धोखाधड़ी गिरोह के ज्ञात सदस्य दो लोगों ने लीक की व्यवस्था की थी।

फर्जी डिग्री वाले 70 उम्मीदवार की लिस्ट तैयार

बांसवाड़ा में पुलिस ने फर्जी डिग्री वाले 70 उम्मीदवार की लिस्ट तैयार की है। संदेह है कि उन्हें भी 2018 में परीक्षा से पहले एक लीक पेपर मिला था। डिटेल्स राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के साथ साझा किया जाएगी।

एसओजी ने हाल ही में चूरू स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संस्थापक, इसके पूर्व रजिस्ट्रार और अलवर में सनराइज यूनिवर्सिटी के पार्टनर मालिक को गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने कहा कि 2022 की परीक्षा में कम से कम 1,300 उम्मीदवारों ने कथित तौर पर ओपीजेएस विश्वविद्यालय की तरफ से प्रदान की गई फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया।

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