Move to Jagran APP

Rajasthan Politics: नेता प्रतिपक्ष को लेकर एक बार फिर आमने-सामने हुए गहलोत और पायलट, अब तक तय नहीं हुआ नाम

प्रतिपक्ष के नेता पद के लिए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पंजाब के पूर्व प्रभारी हरीश चौधरी वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल एवं महेंद्रजीत सिंह मालवीय में से किसी एक नाम पर फैसला होना है। प्रतिपक्ष के नेता के साथ ही उप नेता और सचेतक को लेकर भी फैसला होना है। इनमें से एक पद किसी दलित विधायक को दिया जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Shalini Kumari Updated: Mon, 15 Jan 2024 05:59 PM (IST)
Hero Image
पायलट और गहलोत के बीच एक बार फिर लड़ाई (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के 40 दिन बाद भी कांग्रेस राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता का चयन नहीं कर सकी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट किसी एक नाम पर सहमत नहीं हैं। 19 जनवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र से पहले इस पद को लेकर फैसला नहीं होने से कांग्रेस के विधायकों में असमंजस की स्थिति है।

इन नेताओं को लेकर बना असमंजस

प्रतिपक्ष के नेता पद के लिए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पंजाब के पूर्व प्रभारी हरीश चौधरी, वरिष्ठ विधायक शांति धारीवाल एवं महेंद्रजीत सिंह मालवीय में से किसी एक नाम पर फैसला होना है। इनमें पायलट चौधरी या डोटासरा को प्रतिपक्ष का नेता बनवाने चाहते हैं। गहलोत धारीवाल व मालवीय के पक्ष में हैं। गहलोत का तर्क है कि मालवीय को प्रतिपक्ष का नेता बनाने से आदिवासियों में अच्छा संदेश जाएगा। मालवीय प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता हैं।

उप नेता और सचेतक को लेकर भी फैसला बाकी

वहीं, पायलट ने पार्टी आलाकमान तक संदेश पहुंचाया है कि विधानसभा चुनाव में जाटों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है। लोकसभा चुनाव निकट भविष्य में होने हैं। ऐसे में जाट समाज को पार्टी से जोड़े रखने के लिए डोटासरा अथवा चौधरी में से किसी एक का प्रतिपक्ष का नेता बनाया जाना चाहिए। प्रतिपक्ष के नेता के साथ ही उप नेता और सचेतक को लेकर भी फैसला होना है। इनमें से एक पद किसी दलित विधायक को दिया जा सकता है।

भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा

गहलोत व पायलट के बीच चल रही खींचतान को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत व पायलट की लड़ाई के कारण कांग्रेस सरकार पांच साल सत्ता में रहने के बावजूद जनहित के फैसले नहीं कर सकी। गहलोत का पूरा कार्यकाल पायलट को नीचा दिखाने में ही गुजर गया। उन्होंने कहा कि अब विपक्ष में आने के बाद भी कांग्रेस के नेता लड़ रहे हैं।

विधायकों को संबोधित करेंगे उप राष्ट्रपति और लोस अध्यक्ष

16वीं विधानसभा के विधायकों का एक दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम मंगलवार को होगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और समापन के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संबोधन होगा। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि राज्य विधानसभा की कार्यवाही केरल की तरह कम से कम 18 दिन चले, इसको लेकर प्रयास करेंगे। 18 जनवरी को सर्वदलीय बैठक होगी।

यह भी पढ़ें: Ram Mandir: 'राम मंदिर सबकी आस्था का केंद्र', अशोक गहलोत बोले- सबको साथ लेकर चलते तो अच्छा होता

उन्होंने बताया कि संसद की तर्ज पर विधानसभा का भी एक डिजिटल समाचार चैनल शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। वाट्सएप चैनल पर भी विचार किया जा रहा है। देवनानी ने कहा कि सवालों के जवाब समय पर मिलें और अधिकारियों की जवाबदेही तय हो, इसको लेकर प्रयास किए जाएंगे। उधर, भजनलाल शर्मा मंत्रिमंडल की पहली बैठक 18 जनवरी को होगी।

यह भी पढ़ें: Ram Mandir: 'राम को नहीं मानने वाले कर रहे संविधान का अपमान', उपराष्ट्रपति बोले- रामराज्य की कल्पना संविधान में निमित

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।