Rajasthan Politics: राजस्थान के उपमुख्यमंत्रियों के खिलाफ जनहित याचिका दायर, याचिकाकर्ता ने कहा- संविधान में ऐसे पद का जिक्र नहीं
उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के दौरान कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता कर सकते हैं और विधानसभा बहुमत का नेतृत्व कर सकते हैं। डीवाई सीएम गोपनीयता की शपथ उसी के अनुरूप लेते हैं जो मुख्यमंत्री लेते हैं। दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने शुक्रवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक पद है और यह असंवैधानिक है।
एएनआई, जयपुर। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के खिलाफ एक जनहित मुकदमा दायर किया गया है। दावा किया गया है कि, संविधान में इन पदों का कोई उल्लेख नहीं है।
अधिवक्ता ओम प्रकाश ने कहा कि, मैंने राजस्थान के उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की है...संविधान में उपमुख्यमंत्री पद का कोई उल्लेख नहीं है। यह सिर्फ एक राजनीतिक पद है और यह असंवैधानिक है। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, डिप्टी सीएम एक राजनीतिक पद है, और यह भारत के उपराष्ट्रपति की तरह कोई संवैधानिक पद नहीं है।
इसकी उत्पत्ति का पता उपप्रधान मंत्री के पद से लगाया जा सकता है जिसे 1947 में स्वतंत्रता के बाद नियुक्त किया गया था, सरदार वल्लभाई पटेल भारत के पहले उप प्रधान मंत्री थे। इससे भारत में उपमुख्यमंत्री के पद का विकास हुआ।
क्या कर सकते हैं उपमुख्यमंत्री?
मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के दौरान, डीवाई सीएम कैबिनेट बैठकों की अध्यक्षता कर सकते हैं और विधानसभा बहुमत का नेतृत्व कर सकते हैं। डीवाई सीएम गोपनीयता की शपथ उसी के अनुरूप लेते हैं जो मुख्यमंत्री लेते हैं।
दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने शुक्रवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कुमारी ने अपना पदभार ग्रहण किया और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बधाई दी।