Rajasthan: फर्जी तरीके से पाई सरकारी नौकरी, बांसवाड़ा से प्रधानाध्यापक और वनपाल गिरफ्तार; ऐसे हुआ खुलासा
Rajasthan भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। राजस्थान के बांसवाड़ा से दो ऐसे मामलों का खुलासा हुआ है जहां भर्ती परीक्षा में फर्जी तरीके से पास होकर सरकारी नौकरी पाई गई। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने एक प्रधानाध्यापक और एक वनपाल को गिरफ्तार किया है। जानिए क्या है पूरा मामला और कैसे हुआ खुलासा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में फर्जी तरीके से नौकरी पाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब बांसवाड़ा से एक प्रधानाध्यापक और वनपाल पर भी ऐसे ही आरोप लगे हैं, जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पहला मामला राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय करणघाटी का है, जहां के प्रधानाध्यापक राजकुमार डिंडोर पर आरोप लगा है कि उसने वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड सेकंड 2018 की परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास की थी और सरकारी नौकरी हासिल की थी। कुशलगढ़ पुलिस ने राजकुमार डिंडोर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अलग-अलग पाई गईं फोटो
पुलिस ने पाया कि परीक्षा के प्रोविजनल ई-प्रवेश फॉर्म पर लगी फोटो और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त विस्तृत रिपोर्ट , विशेष मूल निवास और अन्य दस्तावेजों पर लगी फोटो अलग-अलग थी। इसके बाद परीक्षा में अपने स्थान पर डमी कैंडिडेट बैठाने का खुलासा हुआ।
इधर, सज्जनगढ़ के अरुण डिंडोर पर फर्जी तरीके से वनपाल की नौकरी हासिल करने का आरोप लगा है। जानकारी के मुताबिक अरुण के वनपाल सीधी भर्ती 2020 के आवेदन पत्र, ई प्रवेश पत्र, फॉर्म एवं अन्य दस्तावेजों में फोटो और हस्ताक्षर अलग-अलग व्यक्ति के प्रतीत हुए। इससे स्पष्ट हुआ कि अरुण ने अपनी जगह डमी कैंडिडेट को बैठाकर परीक्षा पास की और नियुक्ति प्राप्त की है।