कैंसर ठीक करने और नौकरी के नाम पर चल रहा था मतांतरण का खेल, राजस्थान पुलिस ने किया बड़ी साजिश का पर्दाफाश
Rajasthan News राजस्थान पुलिस ने भरतपुर में मतांतरण की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। कैंसर ठीक कराने और नौकरी दिलाने के झांसे के नाम पर ये खेल चल जा रहा था । एक संस्था चलाने वाले दंपत्ति इस साजिश को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया है। जानिए क्या है पूरा मामला।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के भरतपुर में प्रार्थना से कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों के ठीक होने का दावा कर आर्थिक रूप से कमजोर व अनपढ़ लोगों के मतांतरण कराने की संस्था का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में संस्था चलाने वाले दंपती को हिरासत में लिया गया।
दंपती अपने घर में चर्च फाउंडेशन नाम से कार्यालय खोलकर संस्था चला रहे थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि मतांतरण के लिए वे नौकरी का झांसा देते थे। ईसाई धर्म प्रचार के लिए उन्होंने वाट्सएप ग्रुप भी बना रखा था।
शिकायत के बाद पुलिस ने मारा छापा
भरतपुर की मथुरा गेट थाना पुलिस ने बताया कि पांच जुलाई को सूचना पर जब दंपती रवींद्र सिंह और रूबी के घर में संचालित संस्था के कार्यालय पर छापा मारा गया तो वहां प्रार्थना सभा चल रही थी और ईसाई धर्म अपनाने को लेकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा था। घर से बाइबल और धर्म प्रचार की सामग्री भी मिली।
प्रार्थना सभा में धर्म परिवर्तन कराने को लेकर कुछ लोगों ने विरोध भी दर्ज कराया था। विवाद होने पर पुलिस ने रवींद्र को गिरफ्तार कर लिया और रूबी समेत 28 लोगों को हिरासत में ले लिया। स्थानीय नागरिक की रिपोर्ट पर एक जुलाई से लागू नए कानून की धारा-299 (किसी धर्म को लेकर विद्वेष पूर्ण कार्य करने) और धारा-302 (शब्दों के माध्यम से किसी को धर्म बदलने के लिए प्रेरित करने) के तहत मुकदमा दर्ज कर रवींद्र को जिला व सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
चंडीगढ़ से लिया था प्रशिक्षण
शनिवार को न्यायालय से रवींद्र को जमानत मिली। रूबी को नोटिस दिया गया है, जबकि शेष लोगों को पुलिस ने पांच-पांच हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। उधर, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष लाखन सिंह का कहना है कि पति-पत्नी चंडीगढ़ से प्रशिक्षण लेकर आए थे और भरतपुर में लोगों को लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने को प्रेरित करते थे।