पुलिस के हत्थे चढ़ा 20 वर्षीय छात्र, भारत-US सहित इन सेनाओं का 4500 जीबी डेटा जब्त; क्रिप्टो के बदले करता था डील
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर में पुलिस और गुप्तचर ब्यूरो ने केंद्र सरकार एवं निजी क्षेत्र का संवेदनशील डेटा डार्क वेब पर बेचने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक के पास से 4500 जीबी स्टोरेज डेटा पांच लाख आधार कार्ड सहित चार देशों की सेना का संवेदनशील डेटा मिला है। वह डार्क वेब के अलग-अलग प्लेटफार्म और टेलीग्राम पर सक्रिय था।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर में पुलिस और गुप्तचर ब्यूरो ने केंद्र सरकार एवं निजी क्षेत्र का संवेदनशील डेटा डार्क वेब पर बेचने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किया गया युवक डेटा को क्रिप्टो के बदले में बेच रहा था।
चार देशों की सेनाओं के मिले संवेदनशील डेटा
युवक के पास से 4500 जीबी स्टोरेज डेटा, पांच लाख आधार कार्ड, देश का सिटीजन डेटा (नागरिकता के बारे में जानकारी) सहित चार देशों की सेना का संवेदनशील डेटा मिला है। पाकिस्तान सीमा से सटे श्रीगंगानगर में युवक के पास मिले संवेदनशील डेटा ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
काफी समय से बेच रहा था डेटा
युवक मोबाइल फोन और लैपटॉप के माध्यम से टेलीग्राम पर केंद्र सरकार से संबंधित आनलाइन डेटा चोरी कर काफी समय से बेच रहा था। पिछले दिनों साइबर सेल को इस बारे में सूचना मिली तो पड़ताल की गई। साइबर जांच में सामने आया कि केंद्र सरकार से जुड़े आधार कार्ड, पैन कार्ड, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय सेना, अमेरिका व यूक्रेन की सेना के साथ ही मणिपुर पुलिस का डेटा भी युवक के पास है।स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र है अमित
पुलिस, गुप्तचर ब्यूरो और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ में सामने आया कि गिरफ्तार किया गया 20 वर्षीय युवक अमित स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र है। वह श्रीगंगानगर जिले के एक गांव का रहने वाला है। उसके पिता नसीबचंद दुबई में नौकरी करते हैं। शनिवार देर रात गिरफ्तार किए गए युवक से हुई प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि उसने तीन टेलिग्राम चैनल बना रखे थे, जिनके माध्यम से वह डेटा बेचता था।
बड़ा हैकर बनना चाहता था
गुप्तचर ब्यूरो, सुरक्षा एजेंसियों के साथ स्थानीय स्तर पर पुलिस उप अधीक्षक सुधा पालावत के निर्देश में युवक से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि वह घर से ही सक्रिय था। वह डार्क वेब के अलग-अलग प्लेटफार्म और टेलीग्राम पर सक्रिय था। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान वह डार्क वेब एवं डीप वेब (इंटरनेट की गहराइयों) के संपर्क में आया था। धीरे-धीरे वह डेटा चोरी में इतना एक्सपर्ट हो गया कि आनलाइन डेटा चुराकर बेचने लगा। जिस समय उसको गिरफ्तार किया गया तब वह टेलीग्राम चैनल चला रहा था।कहां से मिला इतना डेटा?
पूछताछ में सामने आया कि वह 2018 में वीडियो गेम खेलता था। गेम खेलते समय वह डीप वेब में चला गया। उसने पूछताछ में बताया कि डार्क वेब के माध्यम से करीब पांच लाख आधार कार्ड, हजारों पैन कार्ड, सेना तथा चार देशों का करीब 4500 जीबी डेटा हासिल किया है। इसके माध्यम से वह अब तक एक लाख, 11 हजार रुपये का लेन-देन कर चुका है।
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