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राजस्थान में दो शातिरों का कारनामा, PhonePe को ही लगा दिया चार करोड़ का चूना; जानिए कैसे

राजस्थान में फोन-पे कंपनी के साथ करोड़ों की ठगी मामला सामने आया है। दौसा के रहने वाले दो युवकों ने ठगी को अंजाम दिया है। फोन-पे की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है। दोनों आरोपी फर्जी दस्तावेज के माध्यम से फोन-पे से जुड़े थे। ठगी को अंजाम देने के बाद काम करना बंद कर दिया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 21 Jul 2024 10:58 PM (IST)
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पुलिस ने दोनों आरोपितों को दबोचा। (सांकेतिक फोटो)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में फोन पेमेंट एप के साथ ही दो युवकों ने करीब चार करोड़ रुपये की ठगी कर दी। युवक ग्राहक सेवा के नाम पर कंपनी से जुड़े थे। कंपनी ने उन्हें पोस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन अलॉट की थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चार लाख रुपये, 70 डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ आधा दर्जन मोबाइल फोन जब्त किए हैं।

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फोन-पे ने दर्ज कराया मुकदमा

मामले की जांच कर रही साइबर थाना पुलिस ने बताया कि 27 जून को फोन-पे की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा गया था कि छह महीने में 964 कार्ड का इस्तेमाल कर तीन करोड़ 97 लाख 28 हजार 561 रुपये की ठगी की गई है। ठगी क्रेडिट और डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर पे-बैंक फैसिलिटी का दुरुपयोग कर की गई।

दौसा जिले के हैं दोनों आरोपी

शिकायत में कहा गया है कि ग्राहक के रुपये व्यापारी के खाते में ट्रांसफर नहीं होने पर फोन-पे अपने खाते से रुपये चुकाता है। फोन-पे को जब ठगी का अहसास हुआ तो मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने इस मामले में दौसा जिले के दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने फोन-पे से जुड़ते समय फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया था।

दोनों शातिरों ने ऐसे फोन-पे को लगाया चूना

दोनों आरोपित फोन-पे की पोस मशीन पर लेनदेन फेल होने पर लोगों की मदद करते थे। जब भी किसी फोन पे ग्राहक की शिकायत आती थी कि उसके खाते से पैसे कट गए, लेकिन पेमेंट व्यापारी के खाते में नहीं गया, तब दोनों आरोपित क्रेडिट और डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइड करने वाले बैंक से संपर्क करते थे।

शिकायत के आधार पर बैंक आरोपितों से जुड़े फोन-पे के खातों में पैसा जमा कर देता था। ये लोग शिकायत करने वाले को पैसा नहीं देते थे, बल्कि खुद निकाल लेते थे। शिकायत करने वाले को आश्वासन देते रहते थे। जब फोन-पे को फर्जीवाड़े का पता चला तो दोनों आरोपितों ने काम करना बंद कर दिया। पुलिस के अनुसार जांच पूरी होने के बाद प्रकरण में और अधिक पर्दाफाश होंगे।

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