Rajasthan: भरतपुर में खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले संत विजय दास की मौत, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में थे भर्ती
राजस्थान में भरतपुर के पसोपा गांव में अवैध खनन का विरोध करते हुए आत्मदाह करने वाले संत विजय दास की दिल्ली के सफरदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। 80 प्रतिशत जलने के बाद से अस्पताल में भर्ती थे। आज (शनिवार) सुबह अस्पताल प्रशासन को साधु का का शव सौंपा जाएगा।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Sat, 23 Jul 2022 08:31 AM (IST)
डीग, एजेंसी। राजस्थान के डीग (Deeg, Rajasthan) में साधु विजय दास (Sadhu Vijay Das) की बीती रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital, Delhi) में मौत हो गई। संजय गोयल, एसडीओ पहाड़ी (भरतपुर) के अनुसार आज (शनिवार) सुबह अस्पताल प्रशासन को साधु का का शव सौंपा जाएगा।
बता दें कि संत बाबा विजय दास राजस्थान में भरतपुर (Bharatpur) के पसोपा गांव में अवैध खनन के विरोध (Protest against Illegal Mining) में खुद को आग लगा ली थी। पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई थी लेकिन तब तक संत विजय दास 80 फीसदी जल चुके थे।
घटना के बाद बाबा को वियज दास को भरतपुर में स्थित राजबहादुर मेमोरियल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। हालत गंभीर देखते हुए इसके बाद शाम 4 बजकर 40 मिनट पर जयपुर रेफर कर दिया गया।हालत अब बिगड़ती ही जा रही थी जिसके बाद 7 बजकर 15 मिनट पर जयपुर के एसएमएस अस्पताल लाया गया। उसके बाद सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। बता दें कि बाबा के आत्मदाह के बाद से राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया बैकफुट पर आ गए।
मंत्री ने कहा कि संत जिन खदानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं, वे वैध हैं। फिर भी उनकी लीज शिफ्टिंग पर विचार किया जाएगा।ग्रीन कॉरिडोर बनाकर विजय दास को सड़क मार्ग से दिल्ली (जयपुर से दिल्ली) लाया गया था। हालात को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत के सचिव गौरव गोयल एसएमएस अस्पताल में मौजूद थे। वहीं उनके साथ पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी वहां जमे हुए थे।भरतपुर के आदिबद्री इलाके में सभी वैध और अवैध खनन को रोकने की मांग को लेकर साधु विजय दास ने करीब दो साल से दिये जा रहे धरना स्थल पर बुधवार को पेट्रोल छिड़क कर खुद को आग लगा ली थी।
लेकिन बाद में पुलिस और वहां मौजूद अन्य लोगों ने किसी तरह उसे बचा लिया। आत्मदाह के प्रयास में साधु विजय दास 80 प्रतिशत तक झुलस गए थे। हालत गंभीर देखते हुए उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा था।
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