Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के खाटू श्यामजी मंदिर में भगदड़ से तीन की मौत, मृतकों के स्वजनों को मुआवजे का ऐलान
राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam temple) में तड़के हुई भगदड़ की घटना में तीन महिलाओं की मौत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख जताया है।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 08 Aug 2022 02:27 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। Khatu Shyam Temple Stampede: राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Siker) जिले में स्थित खाटू श्यामजी मंदिर में सोमवार सुबह साढ़े चार बजे भगदड़ मचने से तीन महिलाओं की मौत हो गई,वहीं पांच लोग घायल हो गए। हादसा मंदिर के प्रवेश द्वार पर हुआ। सोमवार को पुत्रदा एकादशी पर मंदिर में दर्शन करने के लिए रविवार रात से ही श्रद्धालुओं की लाइन लग गई थी।
ऐसे में मंदिर के पट (दरवाजे) खुलते ही दर्शन करने को लेकर श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। लाइन में लगे लोगों को पीछे से धक्का मारा गया, जिससे वे गिर गए और लोग उन्हे रोंदते हुए आगे निकल गए। तीन महिलाओंं की मौके पर ही मौत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख जताया है।गहलोत ने घटना की संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले से जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के स्वजनों को पांच-पांच लाख एवं घायलों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
दबे लोगों को भीड़ ने कुचलाजानकारी के अनुसार मृतकों में शांति देवी (63) पत्नी प्रीतम, माया देवी (65)पत्नी किशन सिंह और कृपा देवी ( 62) शामिल हैं। इनमें शांति देवी हरियाणा में हिसार के न्यू तृप्ति नगर बस स्टैंड के निकट की रहने वाली है। वह अपनी बेटी पूनम और भाई रमेश के साथ रविवार शाम को खाटूश्याम जी मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंची थी।
माया देवी उत्तरप्रदेश में हाथरस जनपद के गुबरारी पुलिस थाना इलाके में मुरसान की निवासी थी। वहीं कृपा देवी जयपुर के मानसरोवर स्थित अग्रवाल फार्म की निवासी थी । घायलों में घायलों मे करनाल निवासी इंदिरा देवी पत्नी सुखबीर, अलवर जिले के गोला का बास निवासी अनोखी पत्नी सोहनलाल, रेवाड़ी निवासी शिवचरण पुत्र रिशाल,जयपुर की मनोहर पत्नी सांवरमल एवं चंद्रकांता पत्नी घनश्याम शामिल हैं।
इनमे मनोहर की स्थिति गंभीर है। उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। पुलिस के अनुसार भगदड़ में 30 से ज्यादा पुरुष, महिलाएं और बच्चे दब गए। जिन्हें भीड़ कुचलते हुए निकल गई।काफी देर तक नहीं मिली मददप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भगदड़ में दबे लोगों को डेढ़ घंटे तक मदद नहीं मिली। करीब छह बजे प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे तब तक दबे लोग तड़पते रहे। बाद मे पुलिस ने उन्हे अस्पताल मे भेजा, जहां चिकित्सकों ने तीन महिलाओं को मृत घोषित कर दिया। लोगों का कहना है कि यदि समय पर मदद मिलती तो काफी हद तक लोगों को बचाया जा सकता था।
मृतक शांति देवी की बेटी पूनम हादसे के बाद से सदमे में है। घटना के बारे में उसने बताया कि हम रविवार रात से लाइन में लगे हुए थे। सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुले तो अचानक हमारे ऊपर 15-20 महिलाएं आकर गिरी ।कई लोग हमें रौंदते हुए दर्शन करने के लिए निकल गए। लोगों को दर्शन करने की जल्दी थी।बड़ी मुश्किल से मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने लोगों को नियंत्रित कर हमें बाहर निकाला। तब तक मां की मौत हो चुकी थी। दस घंटे से लाइन में लगे जयपुर निवासी हेमेंद्र गुप्ता ने बताया कि दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग रविवार रात को ही लाइन में लग गए थे।
करीब डेढ़ किलोमीटर तक पैर रखने की जगह नहीं थी। सुबह सबको दर्शन करने की जल्दी थी। ऐसे में भगदड़ हो गई। भीड़ ज्यादा होने के कारण पुलिसकर्मियों को घटनास्थल तक पहुंचने में समय लगा।
मंदिर कमेटी व प्रशासन की बड़ी चूकघटना में मंदिर कमेटी और प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है। लोगों की भीड़ भड़ने पर भी मंदिर कमेटी ने रविवार रात 11 बजे ही पट बंद कर दिए थे,जबकि कई बार भीड़ ज्यादा होने पर मंदिर देर रात तक खोला जाता रहा है। जिससे सोमवार को एकादशी होने के कारण भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता गया।
लोग पूरी रात लाइन में लगे रहे। प्रशासन ने भगदड़ जैसे हालात से निपटने के लिए पहले से ही सुरक्षा इंतजाम नहीं कर रखे थे। पुलिसकर्मियों की संख्या भी मात्र 25 ही थी। दर्शन के लिए लगने वाली लाइन का रास्ता चार फीट चौडा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रतिमाह एकादशी को लगने वाले मेले के दिन यहां करीब पांच लाख श्रद्घालु देशभर से पहुंचते हैं।घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि मंदिर में दर्शन के प्रवेश मार्ग का दरवाजा खोलते समय भीड़ के दबाव के चलते यह हादसा हुआ है। मृतकों के शव स्थानीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाये गए हैं। शांति देवी और कृपा देवी के शव का पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सौप दिए गए। मायादेवी के स्वजन अब तक खाटू श्यामजी नहीं पहुंचे हैं।
CM Ashok Gehlot ने ट्वीट कर जताया दुख सीकर में खाटूश्याम जी के मंदिर में भगदड़ होने से तीन दर्शनार्थी महिलाओं की मृत्यु बेहद दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी गहरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें एवं दिवंगतों की आत्मा को शांति प्रदान करें। भगदड़ में घायल हुए श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है।
सीकर में है खाटू श्यामजी का मंदिरखाटूश्यामजी का मंदिर शहर के मध्य में बना हुआ है। इसमें पूजा के लिए एक बड़ा हॉल है, जिसे जगमोहन के नाम से जाना जाता है। गर्भगृह के द्वार और उसके आसपास को चांदी की परत से सजाया गया है। गर्भगृह के अंदर बाबा का शीश है। शीश को हर तरफ से खूबसूरत फूलों से सजाया गया है। मंदिर के बाहर भक्तों के लिए एक बड़ा मैदान है।
वीर बर्बरीक (श्याम बाबा) द्वापर युग भीमसेन और नाग कन्या अहिलावती (बसाक/बासुकी नाग की पुत्री) के पुत्र हैं। खाटूश्यामजी को कलियुग का देवता माना जाता है। श्यामजी कृष्ण के पर्याय हैं और इस प्रकार, उनकी उसी रूप में पूजा की जाती है।धार्मिक स्थलों पर भगदड़ की अन्य घटनाएं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- इस साल मई में मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम में नारियल वितरण के दौरान भगदड़ मचने से 17 श्रद्धालु घायल हो गए थे। जहां धार्मिक प्रवचन दिए जा रहे थे, वहां करीब 25,000 श्रद्धालु मौजूद थे। घटना सागर के बीना कस्बे के खिमलासा रोड पर हुई। घायलों को सिविल अस्पताल और बीना रिफाइनरी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- इससे पहले अप्रैल में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के एक मंदिर में भगदड़ में 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह घटना ओडगी थाना क्षेत्र के मां कुदरगढ़ी देवी मंदिर में कोरिया जिले के श्रद्धालुओं के एक समूह के बीच विवाद के बाद हुई।
- Arjun Ram Meghwal (@ArjunRamMeghwal) 8 Aug 2022
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