कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं से चिंतित CM अशोक गहलोत, साझा किया अपना अनुभव; अभिभावकों से की खास अपील
जयपुर में राज्य स्तरीय युवा महापंचायत के उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले आठ महीनों में 20 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई है जो हमारे लिए चिंता का विषय है और उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों पर विशेष स्ट्रीम या कॉलेज में दाखिला लेने के लिए दबाव न बनाने का आग्रह किया है।
By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Sun, 13 Aug 2023 12:06 PM (IST)
जयपुर, एएनआई। आईआईटी जेईई (IIT-JEE) और नीट परीक्षा (NEET) की तैयारी के लिए हर साल हजारों की तादाद में देशभर से छात्र राजस्थान के कोटा आते हैं। कोटा में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को जबरदस्त कॉम्पिटिशन से गुजरना पड़ता है। एक तरफ जहां वो अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर रहकर हर दिन कई घंटों तक पढ़ाई करते हैं। वहीं, दूसरी ओर उन्हें परीक्षा में अच्छे मार्क्स हासिल करने की भी चिंता होती है।
कोटा में हर साल कई छात्र कर रहे आत्महत्या
प्रवेश परीक्षा में अच्छा परफॉर्मेंस न कर पाने की वजह से कोटा में हर साल कई छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। आत्महत्या की वजह से छात्रों की हो रही मौत पर शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी चिंता जाहिर की है।
आत्महत्या पर सीएम गहलोत ने जताई चिंता
शनिवार को जयपुर में राज्य स्तरीय 'युवा महापंचायत' के उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि पिछले आठ महीनों में 20 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई है, जो हमारे लिए चिंता का विषय है और उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों पर विशेष स्ट्रीम या कॉलेज में दाखिला लेने के लिए दबाव न बनाने का आग्रह किया है।गहलोत ने अपने स्वयं के अनुभवों को किया साझा
गहलोत ने अपनी स्वंय के अनुभवों को साझा करते हुए कहा, वो बचपन में डॉक्टर बनाना चाहते थे और देर रात तक पढ़ाई करते थे। हालांकि, उन्हें उम्मीद नहीं खोई और उन्होंने अंततः एक अलग रास्ता चुना और एक सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता बने।
गहलोत ने आगे कहा,"यह चिंता का विषय है कि कोटा में पिछले आठ महीनों में 20 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। मैं खुद बचपन में डॉक्टर बनना चाहता था। रात में 2-3 बजे तक पढ़ाई करता था, लेकिन सफल नहीं हुआ। हालांकि, मैंने हिम्मत नहीं हारी। मैंने अपना रास्ता बदला, सामाजिक कार्यकर्ता बना, मंत्री बना, तीन बार मुख्यमंत्री बना। बच्चों के परिवारों को भी यह समझना चाहिए कि उन्हें अपने बच्चों पर किसी विशेष स्ट्रीम को चुनने या आईआईटी में जाने का दबाव नहीं डालना चाहिए।"
कोटा में बढ़ रहे आत्महत्या के मामले: भाजपा सांसद
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुशील कुमार मोदी ने 8 अगस्त को छात्रों के बीच आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की थी। भाजपा नेता ने राज्यसभा को बताया कि केवल 2021 में 18 वर्ष से कम उम्र के छात्रों की आत्महत्या के 10,732 मामले सामने आए हैं, 2020 से आत्महत्याओं के मामले में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सासंद ने आगे जानकारी दी कि पिछले पांच वर्षों में आईआईटी, आईआईएम, एम्स और अन्य शीर्ष प्रमुख संस्थानों में 75 छात्रों ने आत्महत्या की है। वहीं, पुलिस के मुताबिक, कोटा में इस साल 15 से अधिक आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।