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चरम पर पहुंचा भरतपुर राजपरिवार झगड़ा, दीया कुमारी और पायलट भी नहीं करावा सके समझौता

एक दिन पहले पुलिस महानिरीक्षक प्रसन्न कुमार और जिला पुलिस अधीक्षक देवेंद्र विश्नोई को पत्र लिखकर अनिरूद्ध ने सुरक्षा की मांग की है । उन्होंने अपने पिता विश्वेंद्र और उनके समर्थकों से जान का खतरा होने की बात कही है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 02:53 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 02:53 PM (IST)
पूर्व राजपरिवार के सदस्य और कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह का अपने बेटे अनिरूद्ध सिंह के साथ विवाद

जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान में भरतपुर के पूर्व राजपरिवार में विवाद चरम पर पहुंच गया है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य और कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह का अपने बेटे अनिरूद्ध सिंह के साथ विवाद इस हद तक बढ़ गया कि भाजपा सांसद दीया कुमारी व पूर्व उप मुख्मयंत्री सचिन पायलट के दखल के बावजूद दोनों पिता-पुत्र में समझौता नहीं हो सका है। दीया कुमारी और पायलट ने पिता-पुत्र में समझौता करवाने का प्रयास किया।

विश्वेंद्र की पत्नी दिव्या सिंह से भी बात की, लेकिन विवाद का हल नहीं निकल पा रहा है। एक दिन पहले पुलिस महानिरीक्षक प्रसन्न कुमार और जिला पुलिस अधीक्षक देवेंद्र विश्नोई को पत्र लिखकर अनिरूद्ध ने सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने अपने पिता विश्वेंद्र और उनके समर्थकों से जान का खतरा होने की बात कही है।

अनिरूद्ध ने आरोप लगाया कि विश्वेंद्र पूर्व राजपरिवार की सम्पति को लगातार बेच रहे हैं। पूर्व राजपरिवार की पैतृक सम्पति के वह केवल कस्टोडियन है। कस्टोडियन को नियमों में सम्पति बेचने का अधिकार नहीं है। अनिरूद्ध ने कहा कि बिना मेरी मां के विश्वेंद्र सम्पति नहीं बेच सकते हैं। उधर इस मामले में अब तक चुप्पी साधे रहे विश्वेंद्र का कहना है कि 14 पीढ़ियों के संस्कार के कारण अपने परिवार के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी तो पिता के सामने बात करने की हिम्मत तक नहीं होती थी।

सफल नहीं हो रही है समझौते की कोशिश

विश्वेंद्र और उनके पुत्र अनिरूद्ध व पत्नी दिव्या सिंह के बीच समझौता करवाने को लेकर पिछले एक माह से कोशिश चल रही है। सूत्रों के अनुसार जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य और भाजपा सांसद दीया कुमारी के सिटी पैलेस स्थित आवास में विश्वेंद्र की अनिरूद्ध व दिव्या सिंह के साथ मुलाकात हुई। दीया कुमारी की पहल पर हुई मुलाकात में समझौता करवाने के प्रयास किए गए,लेकिन वहां भी उनके बीच आपस में विवाद हो गया।

पायलट ने भी दोनों के बीच विवाद खत्म करवाने को लेकर प्रयास किए,लेकिन उन्हे सफलता नहीं मिली। उल्लेखनीय है कि विश्वेंद्र बगावत के समय पायलट के साथ थे। लेकिन बाद में वह अलग होकर गहलोत के पाले में चले गए। वहीं अनिरूद्ध पायलट को अपना राजनीतिक गुरू बता रहे हैं। अनिरूद्ध ने पिछले माह एक ट्वीट कर कहा था कि पिता विश्वेंद्र मेरी मां के प्रति हिंसक ओर शराबी हो गए। उन्होंने कर्ज ले लिया है। 


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