राजस्थान में पांच महीने में 13,956 तस्कर हुए गिरफ्तार, अवैध हथियार, शराब और डोडा-पोस्त तस्करी मामला
आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई कर 9540 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें अधिकांश वे लोग हैं जो हरियाणा से शराब की तस्करी कर राजस्थान के रास्ते से गुजरात पहुंचाने का काम करते हैं। हथियार तस्करी के आरोप में 2502 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
By Priti JhaEdited By: Updated: Thu, 23 Jun 2022 01:00 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान पुलिस ने पांच महीने में हथियार, अवैध शराब, डोडा-पोस्त और अफीम की तस्करी के आरोप में 13 हजार 956 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस साल जनवरी से लेकर मई माह तक पुलिस ने हथियार, शराब और विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि पूरे प्रदेश मे चलाए गए अभियान में आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई कर 9,540 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें अधिकांश वे लोग हैं जो हरियाणा से शराब की तस्करी कर राजस्थान के रास्ते से गुजरात पहुंचाने का काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि हथियार तस्करी के आरोप में 2,502 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें अधिकांश मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से अवैध हथियार लाकर राजस्थान में बेचने के काम से जुड़े रहे हैं।
वहीं ,अफीम और डोडा-पोस्त की तस्करी के आरोप में 1,914 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि शराब तस्करों के खिलाफ सबसे ज्यादा कार्रवाई उदयपुर, बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर, झालावाड़ और अलवर जिलों में हुई है। इसी तरह हथियार तस्करी के मामले में सबसे ज्यादा कार्रवाई कोटा, चित्तोड़गढ़, बारां और उदयपुर जिलों में हुई है। अफीम, डोडा-पोस्त की तस्करी के मामले में हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चित्ताेड़गढ़, बीकानेर और जयपुर जिलों में ज्यादा कार्रवाई हुई है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल जनवरी से लेकर मई महीने तक 9,065 तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। प्रदेश में अवैध तरीके से देशी शराब बनाने वालों के खिलाफ पुलिस का अभियान निरंतर जारी रहेगा। जानकारी के अनुसार 13 हजार 956 लोगों की अधिकारिकर तौर पर गिरफ्तार बताई गई है। तीन दर्जन से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्हें हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई है। यदि तीन दर्जन हिरासत में लेकर छोड़े गए लोगों को भी गिरफ्तारी की सूची में शामिल किया जाता तो कुल संख्या 14 हजार तक पहुंच जाती।
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