Rajasthan: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर से दो बाघिन सरिस्का एवं मुकुंदरा भेजी जाएगी
रणथंभौर वन्यक्षेत्र का क्षेत्रफल 1334 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 32 बाघिन और 26 नर बाघ हैं। कुल 78 संख्या के लिए यह क्षेत्र कम पड़ता है। क्षेत्र कम होने के कारण कई बार बाघों के बीच टेरेटरी (क्षेत्र) को लेकर संघर्ष होता रहता है।बाघों का कुनबा बढ़ाने की योजना।
By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Thu, 13 Oct 2022 02:49 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व से दो बाघिनों को सरिस्का और मुकुंदरा अभयारण्य में भेजने को लेकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की मंजूरी मिल गई है। अब अगले कुछ दिनों में एक-एक बाघिन को सरिस्का और मुकुंदरा अभयारण्य में भेजा जाएगा।
रणथंभौर में 32 बाघिन और 26 नर बाघ
रणथंभौर वन्यक्षेत्र का क्षेत्रफल 1,334 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 32 बाघिन और 26 नर बाघ हैं। ऐसे में कुल 78 संख्या के लिए यह क्षेत्र कम पड़ता है। क्षेत्र कम होने के कारण कई बार बाघों के बीच टेरेटरी (क्षेत्र) को लेकर संघर्ष होता रहता है। संघर्ष में कई बार बाघ घायल भी हुए हैं। बाघों की मौत हुई है। ऐसे में बाघों को अन्य जंगल में स्थानांतरित करने एवं बाघों का कुनबा बढ़ाने की योजना पर लंबे समय से काम चल रहा है।
बाघों सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एनटीसीए की तकनीकी समिति ने राज्य के वन विभाग के अधिकारियों को एक बाघ सरिस्का और दूसरे को मुकुंदरा में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।अधिकारियों ने बताया कि जंगल में बाघों सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर योजना बनाई जा रही है। जंगल में मानव दखल कम से कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।बाघों को जगह स्थानांतरित करने से इनका कुनबा बढ़ेगा
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में रणथंभौर के अतिरिक्त, सरिस्का, मुकुंदरा और रामगढ़ा बाघ अभयारण्य क्षेत्र हैं। सरिस्का में वर्तमान में 27 बाघ हैं। जिनमें नौ नर बाघ एवं 11 मादा बाघिन हैं। मुकुंदरा में दो बाघ हैं। अधिकारियों का कहना है कि बाघों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने से इनका कुनबा बढ़ेगा। इन्हे विचरण के लिए ज्यादा क्षेत्र मिलेगा। आपस में संघर्ष की घटनाएं भी कम होने की उम्मीद है।
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