सनातन संस्कृति पर टिप्पणी करने वालों को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री का दो टूक जवाब, बोले- अपमान बर्दाश्त नहीं
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बार फिर सनातन संस्कृति पर टिप्पणी करने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने दो टूक कहा कि सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग विशाल हृदय वाले हैं सहिष्णु हैं लेकिन सहिष्णुता का अभिप्रेत नपुंसकता नहीं होता यह स्पष्ट कर देना देश और दुनिया के सामने आवश्यक है। इसके अलावा राज्य की कानून व्यवस्था पर शेखावत ने सरकार को खूब आड़े हाथों लिया।
जागरण ब्यूरो, जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बार फिर सनातन संस्कृति पर टिप्पणी करने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने दो टूक कहा कि सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग विशाल हृदय वाले हैं, सहिष्णु हैं, लेकिन सहिष्णुता का अभिप्रेत नपुंसकता नहीं होता, यह स्पष्ट कर देना देश और दुनिया के सामने आवश्यक है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूछे सवाल
मंगलवार को राजस्थान के पाली में सनातन धर्म को लेकर दिए अपने वक्तव्य में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सनातन संस्कृति मनुष्य और प्रकृति के हर छोटे जीव के कल्याण की कामना की प्रार्थना करती है। प्राणियों में सद्भावना की बात करती है। क्या सनातन धर्म इतना बेचारा हो गया है कि कोई भी ऐरा-गैरा नत्थू खैरा उसके ऊपर टिप्पणी करें कि हम सनातन को समाप्त कर देंगे।
उन्होंने कहा कि सनातन की एचआईवी, एड्स, कैंसर के साथ तुलना करें। क्या हम लोगों का डीएनए इतना कमजोर हो गया है? क्या हमारा खून इतना पतला और पानी हो गया है कि कोई भी भारत की इस लाखों साल पुरानी सभ्यता और संस्कृति जो निरंतर गंगा की तरह प्रवाहमान रही है, उसको इस तरह से चुनौती देगा।
शेखावत का राजस्थान सरकार पर निशाना
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं आपके माध्यम से, जिन लोगों के पास साहस है, वह एक बार देश-दुनिया में दूसरे भी धर्म हैं, उनके बारे में इस तरह की टिप्पणी करके देखें, उनको किस तरह का हश्र भुगतना पड़ता है। सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग विशाल हृदय वाले हैं, सहिष्णु हैं, लेकिन सहिष्णुता का अभिप्रेत नपुंसकता नहीं होता। यह स्पष्ट कर देना देश और दुनिया के सामने आवश्यक है। राज्य की कानून व्यवस्था पर शेखावत ने कांग्रेस सरकार को खूब आड़े हाथों लिया।