Move to Jagran APP

बच्चे को जन्म देने के बाद तीन महीने तक पेट दर्द से जूझती रही महिला, एम्स में जांच पर हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Rajasthan राजस्थान में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां भारी चूक की वजह से एक महिला को तीन महीने तक असहनीय पेट दर्द से गुजरना पड़ा। सिजेरियन ऑपरेशन के तहत बच्चे को जन्म देने के बाद महिला के पेट का दर्द समाप्त नहीं हो रहा था। कई अस्पतालों में इलाज करने के बाद अंतत जोधपुर एम्स में असली कारण का पता चला।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 25 Nov 2024 08:24 PM (IST)
Hero Image
एम्स जोधपुर में इलाज कराने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। (File Image)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां एक महिला के पेट में सिजेरियन डिलीवरी के दौरान तौलिया छोड़ दिया गया था। डिलीवरी के बाद तीन महीने तक महिला पेट में असहनीय दर्द से पीड़ित रही। इसके बाद जोधपुर एम्स में इलाज के दौरान पाया गया कि उसके पेट में तौलिया का टुकड़ा है।

जानकारी के अनुसार एक महिला ने लगभग तीन महीने पहले डीडवाना-कुचामन जिले के कुचामन के एक सरकारी अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन कराया था। ऑपरेशन के दौरान अनजाने में उसके पेट में एक तौलिया रह गया था। टांके ठीक होने के बाद भी महिला के पेट में लगातार दर्द हो रहा था और डॉक्टर इसका कारण पता लगाने में असमर्थ थे।

डॉक्टर नहीं लगा पाए समस्या का पता

महिला के परिजनों ने मकराना से लेकर अजमेर तक कई अस्पतालों में उसका इलाज कराया, लेकिन कोई भी समस्या का पता नहीं लगा पाया। अजमेर के डॉक्टरों को सीटी स्कैन के बाद उसके पेट में गांठ होने का संदेह हुआ। उसका परिवार इस निदान से खुश नहीं था और उसे अतिरिक्त जांच के लिए जोधपुर एम्स ले आया।

डॉक्टरों ने उसकी जांच की और पाया कि उसके पेट में एक छोटा सा सर्जिकल तौलिया फंसा हुआ है। इसे निकालने के लिए तुरंत सर्जरी की गई। हालांकि तौलिया सफलतापूर्वक निकाल दिया गया, लेकिन इस घटना के कारण महिला को पहले ही बहुत तकलीफ़ हो चुकी थी।

खुलासे के बाद मचा हड़कंप

डीडवाना जिले में मेडिकल टीम में इस बात की जानकारी मिलने के बाद हड़कंप मच गया। घटना की जांच के लिए महिला के पेट से तौलिया का टुकड़ा निकाला गया, जिसे जांच के लिए भेजा गया। हालांकि इस तरह की चिकित्सीय लापरवाही बड़ा प्रश्न-चिन्ह खड़ा करती हैं।

महिला के परिवार ने अब मामले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और दावा किया है कि लंबे समय तक दर्द के कारण महिला नवजात शिशु को स्तनपान नहीं करा पा रही थी। इस कारण से बच्चे को जन्म से ही फॉर्मूला दूध पिलाया गया और इससे उसके संभावित कुपोषण की चिंता बढ़ गई है। इधर, मामला प्रकाश में आने के बाद डीडवाना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. अनिल जुडिया ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की। समिति की ओर से जल्द ही रिपोर्ट देने की उम्मीद है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।