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कोचिंग हब कोटा में स्प्रिंग लोडेड फैन के बाद लगे सुसाइड प्रूफ जाले, छात्रों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट

कोचिंग हब कोटा से छात्रों के आत्महत्या करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं इसको लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। यहां के सभी हॉस्टल में स्प्रिंग लोडेड पंखे लगाए गए हैं जिसके बाद अब सभी हॉस्टल के लॉबी और बालकनी में सुसाइड प्रूफ नेट लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि साल के शुरुआत से अब तक कोटा में 20 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariPublished: Sun, 27 Aug 2023 12:40 PM (IST)Updated: Sun, 27 Aug 2023 12:40 PM (IST)
कोटा में आत्महत्या की घटनाएं रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम

कोटा, पीटीआई। कोटा में लगातार आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही थी। इसके बाद प्रशासन ने वहां पर सुरक्षा के मद्देनजर हॉस्टल में कई बदलाव किए हैं। कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखों के बाद, छात्रों को कोई भी कदम उठाने से रोकने के लिए कोचिंग हब कोटा में छात्रावासों की बालकनियों और लॉबी में जाल लगाए जा रहे हैं।

छात्रों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम

हॉस्टल मालिकों ने कहा कि दुखद घटनाओं से बचने के लिए अपने परिसर को आत्महत्या रोधी बनाने के लिए ऐसे कदम बेहद महत्वपूर्ण हैं। इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा जाते हैं।

जनवरी 2023 से अब तक 20 छात्रों ने की आत्महत्या

अधिकारियों के अनुसार, साल के शुरुआत से अब तक कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 20 छात्रों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। यह संख्या अब तक कि सबसे ज्यादा संख्या बताई जा रही है। पिछले साल, यह आंकड़ा 15 था।

बालकनी और लॉबी में लगाए गए जाले

गर्ल्स हॉस्टल विशालाक्षी रेजीडेंसी के मालिक विनोद गौतम ने कहा, "हमने सभी लॉबी और बालकनियों में बड़े जाल लगाए हैं, ताकि छात्रों को ऊंची मंजिल से कूदने से रोका जा सके। ये जाल 150 किलोग्राम तक वजन झेल सकते हैं और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि छात्र घायल न हों।"

उन्होंने उम्मीद जताई कि पंखों और जालों में लगे स्प्रिंग कॉइल किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा, "अब तक, मेरे छात्रावास में कोई आत्महत्या नहीं हुई है, लेकिन हमें तैयार रहना होगा। माता-पिता अक्सर घबराते हैं और ऐसे उपायों से उन्हें आत्मविश्वास मिलेगा, क्योंकि वे अपने बच्चों से बहुत दूर हैं।"

बच्चों के जीवन से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं

गौतम ने कहा कि उन्हें आशंका है कि छात्र कोई रास्ता निकाल सकते हैं।  उन्होंने कहा, "हम स्टील के तारों से बने जाल लगा रहे हैं, जो बड़े पैमाने पर दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन बहुत मजबूत होते हैं और किसी उपकरण के बिना उन्हें काटना या हटाना संभव नहीं है। ऐसी व्यवस्था का इस्तेमाल मुंबई में विभिन्न बहुमंजिला इमारतों में किया जाता है। यह एक महंगा समाधान है, लेकिन जीवन बचाना अधिक महत्वपूर्ण है।"

आत्महत्या से व्यवसाय पर भी पड़ता है प्रभाव

एक अन्य हॉस्टल मालिक ने कहा कि सभी लॉबी, खिड़कियों और बालकनियों में लोहे की जाली लगाई गई है। उन्होंने कहा, "ज्यादातर छात्र या तो पंखे से लटककर या ऊंची मंजिलों या छत से कूदकर आत्महत्या करते हैं। हमने किसी भी त्रासदी से बचने के लिए दोनों के लिए उपाय किए हैं। यह व्यवसाय के लिए भी बुरा है, क्योंकि एक बार आत्महत्या होने के बाद, छात्र उस छात्रावास से दूसरे पीजी या छात्रावास में जाने लगते हैं।"

बच्चों की मनोवैज्ञानिक परीक्षण से निकाला जा रहा हल

इस महीने कोटा के चार छात्रों की आत्महत्या के बाद कोचिंग हब एक बार फिर फोकस में है। यह पूछे जाने पर कि क्या छात्रावासों और पीजी आवासों में इस तरह के उपाय बड़े मुद्दे छात्रों में तनाव को हल करने में मदद कर सकते हैं, तो इसके जवाब में उपायुक्त ओपी बुनकर ने पीटीआई से कहा, "हम बच्चों के नियमित मनोवैज्ञानिक परीक्षणों से लेकर माता-पिता के साथ संपर्क कर के कई उपाय कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "हालांकि, स्प्रिंग-लोडेड पंखे जैसे उपाय किसी छात्र को गलत फैसला लेने से बचा लेगा और एक बार जब वह प्रयास असफल हो जाता है, तो छात्रों को परामर्श दिया जा सकता है और अन्य उपाय भी लागू किए जा सकते हैं।"

पंखों में स्प्रिंग कॉइल्स लगाने के आत्महत्या विरोधी उपाय पर 12 अगस्त को कोटा के अधिकारियों और अन्य हितधारकों के बीच एक बैठक में चर्चा की गई। बाद में बुनकर ने निर्देश जारी कर सख्ती से पालन की मांग की थी।

कैसे काम करता है स्प्रिंग लोडेड फैन?

अगर 20 किलो से ज्यादा वजन की कोई भी वस्तु पंखे से लटका दी जाए तो, उसमें लगा स्प्रिंग फैल जाता है, जिससे किसी के लिए आत्महत्या करना असंभव हो जाता है। इसके साथ ही पंखे में लगा सायरन भी बज जाता है।


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