Move to Jagran APP

Rajasthan: कोटा में 600 साल पुराने स्मारक की छतरी गिराने पर बवाल, 3 अधिकारी निलंबित; जानें क्या है पूरा मामला

Kota News राजस्थान के कोटा में 600 साल पुराने स्मारक की छतरी गिराए जाने पर विवाद बढ़ गया है। तोड़फोड़ से नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रशासन ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए तीन अफसरों को निलंबित कर दिया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने घटना पर कहा कि इस संबंध में जांच और उचित कार्रवाई आवश्यक है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 23 Sep 2024 12:07 AM (IST)
Hero Image
लोगों के आक्रोश के बाद प्रशासन ने केडीए के तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। (फोटो- इंटरनेट मीडिया)
पीटीआई, कोटा। राजस्थान के कोटा के एक गांव में शासक राव सूरजमल के 600 साल पुराने स्मारक की छतरी गिराए जाने के मामले में विवाद बढ़ गया है। प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए गांव में स्मारक की छतरी गिराए जाने की सूचना दिए जाने के बाद कोटा प्रशासन ने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह आदेश रविवार को जारी किया गया।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस तोड़फोड़ से नाराज बूंदी राजपरिवार और स्थानीय लोगों ने सोमवार को प्रदर्शन का आह्वान किया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस घटना के बारे में एक्स से बात करते हुए कहा, 'बूंदी नरेश राव सूरजमल हाड़ा की छतरी को गिराया जाना दुखद और परेशान करने वाली घटना है। क्या केडीए ने छतरी के ऐतिहासिक महत्व को जानते हुए भी यह कृत्य किया? इस संबंध में जांच और उचित कार्रवाई आवश्यक है।'

केडीए ने ध्वस्त की थी छतरी

मंत्री ने कहा, 'जनभावना को सर्वोच्च रखना सिस्टम संचालकों की नैतिक जिम्मेदारी है।' बता दें कि पूर्ववर्ती बूंदी रियासत के 9वें शासक राव सूरजमल के सम्मान में निर्मित यह स्मारक पड़ोसी बूंदी जिले के तुलसी गांव में स्थित है। शनिवार को कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) ने इसे ध्वस्त कर दिया। इस बीच, बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा, बूंदी राजघराने के वंशवर्धन सिंह और करणी सेना तथा राजपूत समुदाय के सदस्यों ने रविवार को ध्वस्त स्थल का दौरा किया और केडीए की कार्रवाई की निंदा की।

कोटा कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी, जो केडीए के अध्यक्ष भी हैं, ने उनसे फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि मौजूदा 16 बिस्वा भूमि (21,600 वर्ग फीट) के विकल्प के रूप में बूंदी जिले की बल्लोप पंचायत में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक बीघा (27,000 वर्ग फीट) भूमि आवंटित की गई है, ताकि प्रतिमा का पुनर्निर्माण किया जा सके।

हवाई अड्डे का नाम राव सूरजमल के नाम पर रखने की मांग

हालांकि, राजपूत समुदाय के प्रतिनिधियों और स्थानीय ग्रामीणों ने इस व्यवस्था से असहमति जताई और मांग की कि प्रस्तावित हवाई अड्डे का नाम राव सूरजमल के नाम पर रखा जाए और इसके प्रवेश द्वार पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जाए।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।