Move to Jagran APP

Rajasthan: महिला ने पहले बच्चों को सुलाया मौत की नींद, फिर खुद को लगाई फांसी; पुलिस हिरासत में पति

Rajasthan उदयपुर जिले के ऋषभदेव क्षेत्र के भूधर गांव में 25 साल की विवाहिता के दो मासूम बच्चों को फंदे पर लटकाने के बाद फांसी लगाकर खुद की जान देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना के पीछे के कारण फिलहाल सामने नहीं आए हैं लेकिन पुलिस महिला के पति को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 05 Sep 2023 09:27 PM (IST)
Hero Image
Rajasthan: महिला ने पहले बच्चों को सुलाया मौत की नींद, फिर खुद को लगाई फांसी (फाइल फोटो)
उदयपुर, राज्य ब्यूरो। उदयपुर जिले के ऋषभदेव क्षेत्र के भूधर गांव में 25 साल की विवाहिता के दो मासूम बच्चों को फंदे पर लटकाने के बाद फांसी लगाकर खुद की जान देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना के पीछे के कारण फिलहाल सामने नहीं आए हैं, लेकिन पुलिस महिला के पति को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है।

महिला ने अपने बच्चों संग की खुदकुशी

मिली जानकारी के अनुसार, घटना मंगलवार दोपहर की है। जब भूधर निवासी दामा मीणा घर से बाहर गांव में था, लेकिन उसकी पत्नी दीपा (25) ने अपने 4 वर्षीय बेटे शंभू और 6 माह की मासूम बेटी गुड़िया को फंदे पर लटका दिया। इतना ही नहीं उसके बाद खुद ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पति जब घर लौटा तो तीनों के शव रस्सी से बने फंदे पर लटके देखे। आग की तरह घटना की जानकारी गांव भर में फैल गई और मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए।

अहमदाबाद में मजदूरी करता था पति

बताया गया कि दामा मीणा अहमदाबाद में मजदूरी करता था। काम नहीं मिलने पर वह परेशान था और गांव लौट आया था। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब बताई जा रही है। पुलिस ने तीनों के शव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऋषभदेव की मोर्चरी में रखवाए हैं, जहां मंगलवार देर शाम तक उनके पोस्टमार्टम नहीं हो पाए।

परिवार वालों ने की मुआवजे की मांग

पुलिस ने बताया कि घटना की जानकादी दीपा के मायके पक्ष को दी गई। जिस पर बिछीवाड़ा से बड़ी संख्या में उसके मायके पक्ष और ग्रामीण भूधर आए। उन्होंने मुआवजे (मौताणा) की मांग की और तब तक पोस्टमार्टम कराए जाने से इंकार कर दिया। बताया गया कि परिवार वाले मुआवजे की रकम के तहत 25 लाख रुपए की मांग कर रहा है। जबकि चर्चा है कि ससुराल पक्ष मुआवजे की रकम के तहत 12 लाख रुपए देने पर सहमत हो गए हैं। मौताणा प्रथा अवैध होने के बावजूद पुलिस मामले में चुप्पी साधी है।

क्या है मौताणा?

उदयपुर और मेवाड़-वागड क्षेत्र में आदिवासी परिवार किसी की मौत होने पर उसके लिए जिम्मेदार से मौताणा यानी मौत के बदल रकम की मांग करते हैं। मौताणे की राशि मिलने पर वह मामला दर्ज नहीं कराते। हालांकि, मौताणे पर कई दशक पहले अवैध घोषित कर दिया गया था, लेकिन अभी भी आदिवासी परिवार ही नहीं, बल्कि आदिवासी नेता यहां तक पुलिस तक मौताणे के जरिए मामले को सुलझाने में सहयोग करती है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।