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Rajasthan: सात दिन तक फ्लैट में पड़ा रहा युवती का शव, बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया

शहर के भूपालपुरा क्षेत्र से विचलित करने वाली खबर सामने आई है। जहां मेवाड़ कॉम्पलेक्स के एक फ्लेट में युवती की मौत सात दिन पहले हो गई थी और किसी को पता नहीं चला। जब फ्लेट से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो इसका पता चला। युवती का शव कमरे में पलंग से नीचे पड़ा मिला।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 11:03 PM (IST)
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उदयपुर पुलिस ने युवती का शव फ्लैट से निकाला (फाइल फोटो)

उदयपुर, राज्य ब्यूरो। शहर के भूपालपुरा क्षेत्र से विचलित करने वाली खबर सामने आई है। जहां मेवाड़ कॉम्पलेक्स के एक फ्लेट में युवती की मौत सात दिन पहले हो गई थी और किसी को पता नहीं चला। जब फ्लेट से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने दरवाजा तोड़कर देखा तो इसका पता चला। युवती का शव कमरे में पलंग से नीचे पड़ा मिला।

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दिल्ली-मुम्बई जैसे मेट्रो सिटी में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं लेकिन उदयपुर में इस तरह का यह पहला मामला है। भूपालपुरा थानाधिकारी भरत योगी ने बताया कि मेवाड़ कॉम्पलेक्स के एक फ्लेट में तेजश्वेता ( 37) पुत्री जगदीश शर्मा का शव मिला है। उसकी मौत सात दिन पहले हो गई थी और इसके चलते बॉडी डिकंपोज हो गई थी।

बताया गया कि तेजश्वेता के पिता जगदीश शर्मा परिवार के साथ हीतावाला कॉम्पलेक्स में रहते थे, जबकि उनकी बेटी तेजश्वेता अकेली पिछले दो-ढाई साल से यहां रह रही थी। उसकी मौत किस कारण से हुई फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। उसने सुसाइड किया या अन्य मामला है, इसका पता तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पता चलेगा।

नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। उसके सुसाइड की आशंका पर कमरे की तलाशी ली गई, लेकिन न तो किसी तरह का सुसाइड नोट मिला और अन्य साक्ष्य मिले। वह जिस कमरे में थी, उसका दरवाजा भी बंद था। ऐसे में इस बात की भी संभावना नहीं है कि उसकी हत्या की गई।

परिजनों से था वैचारिक मतभेद

पुलिस ने बताया कि तेजश्वेता की अपने परिजनों से वैचारिक मतभेद और मनमुटाव के चलते नहीं बनती थी। इसीलिए वह अकेली मेवाड़ कॉम्पलेक्स के उस फ्लेट में रहती थी, जो उसके पिता का है। वह अपने माता-पिता से भी बात नहीं करती थी। वह यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गई थी, लेकिन चयन नहीं होने पर दो साल पहले उदयपुर लौटी और यहीं रहने लगी।

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पड़ोसियों से भी नहीं होती थी बातचीत

बकौल पुलिस, माता-पिता से बातचीत तक नहीं थी और वह फ्लैट में अकेली रहती थी। पड़ोसियों से पता चला कि फ्लेट पर युवती के अलावा कोई भी आता-जाता नहीं था। यहां तक कि कोई दोस्त या सहेली को आते-जाते नहीं देखा गया। वह पड़ोसियों से भी कम बात करती थी। वह बाहर भी कम जाती थी और ना ही कोई काम करती। उसका खर्चा पिता द्वारा उसके खाते में जमा कराए रुपयों से ही चलता था।

आशंका जताई जा रही है कि युवती बीमार हो गई होगी और नींद में ही बिस्तर से नीचे गिरकर बेहोश हो गई होगी। उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई।