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मौताणा नहीं मिला तो चार दिन से नहीं उठे तीन मृतकों के शव, सगाई का खाना खाने से हुई थी मौत

राजस्थान के उदयपुर के कोटड़ा क्षेत्र में पैसे (मौताणे) की मांग पूरी न होने पर चार दिन से तीन मृतकों के शव नहीं उठाए गए। इन तीनों की मौत विषाक्त भोजन के कारण हुई थी। पता चला है कि वर पक्ष के लोग वधु पक्ष से इन तीनों लोगों की मौत के बदले पांच लाख रुपए की मांग कर रहे है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 31 May 2024 09:55 PM (IST)
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राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र में मौताणा देने की प्रथा कई दशकों से चली आ रही है। (File Photo)
जागरण संवाददाता, उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर के कोटड़ा क्षेत्र में पैसे (मौताणे) की मांग पूरी न होने पर चार दिन से तीन मृतकों के शव नहीं उठाए गए। इन तीनों की मौत विषाक्त भोजन के कारण हुई थी। पता चला है कि वर पक्ष के लोग वधु पक्ष से इन तीनों लोगों की मौत के बदले पांच लाख रुपए की मांग कर रहे है।

पुलिस- प्रशासन और गांव के पंच इनको समझाने में जुटे हुए हैं। जानकारी के अनुसार कोटड़ा के सावन क्यारा गांव में सोमवार रात सगाई का कार्यक्रम था। खाने के बाद रिश्तेदार घर गए तो तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल में इलाज के दौरान वधु पक्ष के दो पुरुष और वर पक्ष से एक महिला की मौत हो गई थी। तीनों के शव कोटड़ा अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रखे है। शुक्रवार दोपहर तक परिजन शव लेने नहीं पहुंचे।

पैसा मिलने पर उठाएंगे शव

इस मामले में सामने आया है कि मृतकों के स्वजन पैसे की मांग की है। एक शव पर 5 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। पैसे नहीं मिलने तक शव उठाने से मना कर दिया है। कोटड़ा थानाधिकारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सामाजिक कारण की वजह से घटना के बाद से स्वजन शव लेने नहीं आए हैं। परिजन और गांव के प्रमुख लोगों के बीच बातचीत चल रही है।

मांसाहार और शराब पीने से पड़े थे बीमार

कोटड़ा के सावन क्यारा गांव में वधू पक्ष के लगभग 100 लोग रिश्तेदारों के साथ गए थे। रात में खाने के बाद रिश्तेदार घर लौटे। तब तबीयत खराब हो गई और उल्टी होने लगी। सभी अस्पताल पहुंचे। सीएमएचओ डा. शंकर बामणिया ने कहा था कि सगाई कार्यक्रम में मांसाहार और देसी शराब पीने से तबीयत बिगड़ी थी, जिससे तीन की मौत हो गई थी। कुल 25 से ज्यादा लोग बीमार हुए थे।

क्या है मौताणा

दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र में पैसा (मौताणे) देने की प्रथा कई दशकों से चली आ रही है। इसमें अपराध या हादसे में किसी व्यक्ति की जान चली जाती है तो मृतक के स्वजन से पैसों की मांग की जाती है। यदि आरोपित परिवार पैसा देने में असमर्थ रहता है तो पूरे गांव को मिलाकर पैसा देना होता है। पैसा नहीं देने पर वह आरोपी माने गए परिवार ही नहीं, बल्कि उसके गांव तक में लोग हमला कर देते हैं, जिसे आदिवासी क्षेत्र में चढ़ोतरा कहते हैं।

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