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नेगेटिव बॉडी इमेज से बढ़ते हैं फासले

नेगेटिव बॉडी इमेज सेक्स प्रक्रिया को बाधित भी कर सकती है। शरीर के बारे में लगातार नकारात्मक सोच से डिप्रेशन होता है, डिप्रेशन का असर सेक्स लाइफ पर पड़ता है। क्यों होता है ऐसा और कैसे बचें इससे, बता रहे हैं एक्सप‌र्ट्स।

By Edited By: Updated: Tue, 02 Apr 2013 03:47 PM (IST)
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नेगेटिव बॉडी इमेज से किसी का सेक्स जीवन प्रभावित हो सकता है? जवाब है- हां। अपने शरीर के बारे में नकारात्मक धारणा आपको अवसादग्रस्त कर सकती है और यह डिप्रेशन बेडरूम तक भी पहुंच सकता है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के समाज मनोविज्ञानी और सेक्स कॉलमिस्ट जस्टिन लेमिलर अपने लेख में लिखते हैं, शरीर के बारे में चिंतित रहना सेक्स की क्वॉलिटी भी घटाता है, फ्रीक्वेंसी भी। जो लोग खुद को खूबसूरत या सेक्सी नहीं मानते, वे भविष्य में सेक्स लाइफ के प्रति रुचि खो सकते हैं।

वर्ष 2011 में एक हर्बल सप्लीमेंट कंपनी द्वारा कराए गए सर्वे में 52त्‍‌न स्त्रियों ने माना कि नेगेटिव बॉडी इमेज के कारण वे सेक्स में रुचि खो रही हैं। पेट के आसपास बढती चर्बी, चेहरे के दाग-धब्बे, मोटापा या दुबलापन उनका आत्मविश्वास डिगाता है। पहले हुए कुछ शोध यह भी बताते हैं कि सेक्स में इन कारणों से पैदा होने वाली अरुचि से धीरे-धीरे सेक्सुअल आत्मविश्वास, उत्तेजना, आनंद और ऑरगेज्म में भी कमी आने लगती है।

बॉडी इमेज और पूर्वाग्रह

दिल्ली के वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक सलाहकार डॉ. एस. सुदर्शनन कहते हैं, बॉडी इमेज के पीछे सामाजिक-सांस्कृतिक पूर्वाग्रह काम करते हैं। स्त्री के लिए दुबला-छरहरा होना अनिवार्य है। ऐसे में वजन बढने से वह अपने बारे में नकारात्मक सोचने लगती है। दूसरी ओर सुंदर स्त्री की एक छवि गढ दी गई है, जिसे बार-बार प्रचारित किया जाता है। कोई स्त्री ओवरवेट है तो उसे एक साथ सेहत, फैशन और सामाजिक-सांस्कृतिक पहलू से निपटना होता है। इस प्रक्रिया में उसका आत्मविश्वास घटने लगता है। ओबेसिटी या फैट का सीधा प्रभाव मनोविज्ञान पर पडता है। अपने बारे में नकारात्मक विचारों का यह प्रवाह स्त्री को डिप्रेशन तक पहुंचा सकता है, इससे लिबिडो में कमी आती है और स्त्री सेक्स में रुचि खोने लगती है।

रॉकलैंड हॉस्पिटल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की हेड डॉ. आशा शर्मा कहती हैं, स्त्री अपने लुक्स और वजन को लेकर उतना नहीं सोचती, जितना उसके आसपास के लोग सोचते हैं। अकसर पति, दोस्त या परिवार वाले ही उसकी आलोचना करने लगते हैं, जिससे वह अवसादग्रस्त हो जाती है। कुछ स्त्रियां स्वभाव से ही अति-संवेदनशील होती हैं और आलोचना उन्हें ज्यादा प्रभावित करती है। वे डिप्रेशन में चली जाती हैं। इससे सेक्स जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पडता है।

धारणाएं और सत्य

सुंदरता क्या है? इसे लेकर हमारा समाज बहुत कन्फ्यूज्ड है। खासतौर पर स्त्रियों के मामले में सुंदरता की तथाकथित धारणाएं रूढ हैं। वे सेक्सी या सुंदर जैसे शब्दों के समाज-स्वीकृत अर्थ को ही आत्मसात करती हैं। मीडिया ने भी आकर्षक व्यक्तित्व की इस परिभाषा को काफी सीमित दायरे में रख दिया है। शादी तय होते समय लडका-लडकी का आकर्षक व्यक्तित्व (छरहरा, लंबा, दुबला होना) एक बडा आधार होता है। जबकि सेक्स लाइफ का सुंदरता से कोई लेना-देना नहीं है। जीवनसाथी के साथ सेक्सुअली कॉम्पिटेबल होने में कई हॉर्मोस, भावनाएं और शेयरिंग महत्वपूर्ण होती है। बॉडी इमेज इसमें थोडा सा हिस्सा ही निभाती है। सच तो यह है कि अगर सेक्स जीवन अच्छा है तो इससे व्यक्तित्व में भी निखार आता है।

लाइफ बनाएं सुंदर

डॉ. शर्मा कहती हैं, सबसे पहले यह जरूरी है कि अपने बारे में पूर्वाग्रह न रखें और आलोचनाओं से न घबराएं। आलोचनाओं को सकारात्मक अर्थ में ग्रहण करें। व्यक्तित्व के सकारात्मक पहलू खोजें और उन्हें एक्सप्लोर करें। खुद का फिटनेस फॉम्र्युला बनाएं और नियमित योग-व्यायाम करें, ताकि स्वस्थ रहें। सेक्स लाइफ को अच्छा रखने के कुछ टिप्स-

1. अपने बारे में अच्छा महसूस करें क्योंकि तभी शरीर का ध्यान भी रख सकेंगी। बेडरूम में सिर्फ अपने पार्टनर और सेक्स लाइफ के बारे में सोचें। जैसे ही दिमाग सेक्स को लेकर केंद्रित होगा, शरीर को उसका संदेश मिलेगा और वह सेक्सुअली रिस्पॉन्स करने लगेगा।

2. संगीत में ताकत है, यह सभी महसूस करते हैं। एक शोध के मुताबिक 40 फीसदी लोग मानते हैं कि सेक्स उत्तेजना जगाने में पार्टनर के स्पर्श या उसके व्यक्तित्व के बजाय संगीत ने उनकी बहुत मदद की है। अपने कमरे को संगीतमय बनाएं।

3. कुछ शोध बताते हैं कि स्त्रियां ही नहीं, पुरुष भी अपनी सेक्सुअल इमेज को लेकर परेशान रहते हैं। लेकिन अनुभव और शोध यह भी बताते हैं कि व्यक्तित्व की खामियां सेक्स जीवन को बाधित नहीं करतीं, बल्कि नकारात्मक सोच इसे बाधित करती है।

4. दिमाग पर भरोसा करें और तार्किक ढंग से सोचें। ब्रेन सबसे बडा सेक्स ऑर्गन है। सेक्स सेशन के दौरान आपसी संवाद, फैंटसी और कई अन्य ब्रेनी गतिविधियां ही काम आती हैं, शरीर की गडबडियां नहीं।

5. खुद को खोजें। ऐसी कौन सी बात है या कौन सा गुण है जो खुद के प्रति अच्छा महसूस कराता है, उसे ढूंढें। जैसे ही अपने बारे में अच्छा सोचेंगी, आत्मविश्वास बढेगा। आत्मविश्वास ही सेक्सी महसूस कराता है। इससे कोई फर्क नहीं पडता कि आप मोटी हैं या पतली, गोरी हैं या काली, आपकी नाक मोटी है या होंठ पतले..। सेक्स जीवन में सहजता, स्वस्थ व सकारात्मक सोच और सही जानकारियां ही महत्व रखती हैं।

6. ओह मेरा वजन फिर बढ गया.., क्या करूं मेरी थाइज का सैल्युलाइट कम ही नहीं होता..मेरा चेहरा हेवी लगता है.., अपने बारे में नकारात्मक बातें करना बंद करें। आईना देखें तो अपने भीतर आत्मविश्वास महसूस करें। आप एक आम स्त्री हैं, रैंप में कैटवॉक करने वाली मॉडल नहीं, इसलिए शरीर के बारे में उतना ही सोचें कि सेहत और सोच परफेक्ट रहे। शरीर को लेकर आप स्वयं फील गुड महसूस नहीं करेंगी तो दूसरे कैसे करेंगे!

7. खुद से प्यार करें। सोचें कि आपके जीवन में कोई है जो आपको बहुत प्यार करता है। वह है आपका जीवनसाथी। जिस दिन यह एहसास जन्म लेगा, नकारात्मक खयाल खुद खत्म हो जाएंगे। आईने के सामने खडे होकर बुदबुदाएं, मुझे खुद से प्यार है, मैं सुंदर हूं, मैं अपनों के प्रति प्यार महसूस करती हूं .., यकीन कीजिए आप खुद को सुंदर महसूस करने लगेंगी।

8. अगर शरीर के बारे में नकारात्मक धारणा बढ रही है तो सुबह उठ कर कुछ पल आंखें मूंदें और सोचें, मैं परफेक्ट हूं, पूर्ण हूं..। कुछ देर हाथ जोड कर उस सृष्टि का धन्यवाद करें कि आपको एक खूबसूरत जीवन जीने को मिला है।

9. खुद को कमियों के साथ स्वीकारें। उन लोगों के बारे में सोचें जिन्हें सृष्टि या किसी दुर्घटना ने शारीरिक तौर पर कमतर कर दिया। वे भी तो अपनी कमियों के साथ जी रहे हैं, तो फिर आप क्यों नहीं जी सकतीं!

10. अगर आप मां हैं तो क्या यह खयाल गर्व करने लायक नहीं है कि इसी शरीर से आपने अपने जैसा एक दूसरा जीवन गढा है! तो फिर शरीर के प्रति नकारात्मक सोच क्यों! खुद को वह सम्मान दें, जिसकी हकदार आप हैं। सोच खुद बदल जाएगी।

डॉ. सुदर्शनन कहते हैं, सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। उन कारणों के बारे में सोचें जिनकी वजह से वजन बढ रहा है या शरीर में असंतुलन पैदा हो रहा है। स्वास्थ्य की नियमित जांच कराएं। कई बार वजन हाइपर थाइरॉयडिज्म के कारण भी बढ सकता है। पॉलिसिस्टिक डिसीज के कारण भी सेक्स में रुचि घट सकती है, क्योंकि इनसे हॉर्मोनल असंतुलन होता है। इसलिए खानपान में पोषक तत्वों का ध्यान रखें, जीवनशैली को सक्रिय बनाएं, नियमित व्यायाम करें। स्वस्थ-सक्रिय रहेंगी, तभी सेक्स जीवन को भी एंजॉय कर सकेंगी।

इंदिरा राठौर