अब तक केंद्र में बनी 12 गठबंधन सरकारें, पहली बार 45 साल पहले हुआ था प्रयोग

  • Story By: ACHYUT KUMAR

केंद्र में पहली गठबंधन सरकार जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी थी, जिसमें मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया था। इसके बाद गठबंधन सरकारें बनने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह आज भी जारी है। आइए, जानते हैं कि अब तक केंद्र में कितनी बार गठबंधन सरकार बनी और

Coalition Politics in India

देश का सियासी मिजाज इस समय बदला हुआ है। एक तरफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगियों का कुनबा बढ़ाने में जुटी हुई है। कांग्रेस ने जहां 26 दलों के अपने साथ होने की बात कही है, वहीं भाजपा ने 38 दलों के समर्थन का दावा किया है। आइए, जानते हैं कि केंद्र में पहली गठबंधन सरकार कब बनी, कौन थे प्रधानमंत्री और अब तक देश में कितनी बार गठबंधन की सरकार बन चुकी है।

केंद्र में गठबंधन सरकार की शुरुआत कब हुई?

केंद्र में गठबंधन सरकार के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत 1977 में जनता पार्टी की सरकार से हुई, जिसके प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई थे। जनता पार्टी में कुल 13 दल शामिल थे। यह पहली गैर-कांग्रेसी सरकार थी। हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी के समर्थन लेने के चलते जनता पार्टी की सरकार गिर गई और जनता दल (सेक्युलर) के चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री बने। हालांकि, वे 1980 तक ही पद पर बने रह सके।

First Collision Government PM Morarji Desai

चौधरी चरण सिंह की सरकार अल्पमत में थी। उसे कांग्रेस का समर्थन मिला हुआ था, लेकिन जब लोकसभा में विश्वास मत हासिल करने की बारी आई तो कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया, जिससे सरकार गिर गई।

Second Collision Government PM Morarji Desai

1989 में केंद्र में किसकी सरकार बनी?

साल 1989 में कांग्रेस की हार के बाद जनता दल और अन्य क्षेत्रीय दलों से मिलकर बनी राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार अस्तित्व में आई और विश्वनाथ प्रताप सिंह यानी वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। इस दौरान जो सबसे हैरान कर देने वाली बात सामने आई, वह थी धुर-विरोधी भाजपा और वाम दलों का साथ आना।

दरअसल, 1987 में रक्षा मंत्री पद से हटाने के बाद वीपी सिंह ने जन मोर्चा का गठन किया था। यह मोर्चा लगातार राजीव गांधी की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोल रहा था।

  • 1989 के लोकसभा चुनाव से पहले वीपी सिंह ने जन मोर्चा, लोकदल, जनता पार्टी और कांग्रेस (एस) को मिलाकर जनता पार्टी बनाई। इसके बाद उन्होंने वाम और दक्षिण पंथी कुछ दलों को साथ लेकर राष्ट्रीय मोर्चा बनाया।
  • 1989 में राष्ट्रीय मोर्चे की सरकार बनी और वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने। हालांकि, मंडल कमीशन की सिफारिश लागू होने पर भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया, जिससे सरकार गिर गई।
  • इस चुनाव में कांग्रेस को 197, जनता दल को 143, भाजपा को 85 और वाम दलों को 45 सीटें मिली थीं।
Alliance Governments of India List

1990-91 में किस गठबंधन की सरकार बनी?

साल 1990- 921 में जनता दल (सोशलिस्ट) या भारतीय समाज पार्टी की सरकार बनी और चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने, लेकिन यह सरकार महज कुछ ही महीने ( 10 नवंबर 1990 से लेकर 21 जून 1991) तक ही चल सकी । इस सरकार को कांग्रेस ने बाहर से समर्थन दिया हुआ था। जनता पार्टी, जनता पार्टी (सेक्युलर), लोक दल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जगजीवन) और जन मोर्चा से मिलकर जनता दल बना हुआ था। 


संयुक्त मोर्चा का गठन कब हुआ?

जब 1996 में लोकसभा चुनाव हुआ तो न तो भाजपा और न ही कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री जरूर बनें, लेकिन उनकी सरकार महज 13 दिन ही चल पाई। इसके बाद 13 पार्टियों ने मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाया।


संयुक्त मोर्चा ने पहली बार सरकार कब बनाई?

संयुक्त मोर्चा ने 1996 में पहली बार सरकार बनाई, जिसके प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा थे, लेकिन यह सरकार एक जून 1996 से लेकर 21 अप्रैल 1997 तक ही चल पाई। इसके बाद 21 अप्रैल 1997 से लेकर 19 मार्च 1998 तक इंद्र कुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने। दोनों बार सरकार कांग्रेस के समर्थन वापस लेने की वजह से गिरी।


राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन कब बना?

1998 के आम चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बना, जिसमें 13 दल शामिल थे। चुनाव बाद एनडीए की सरकार बनी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन एआइडीएमके के समर्थन वापसी से 13 दिन में ही यह सरकार गिर गई। इसके बाद 1999 में चुनाव हुआ, जिसमें एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला और फिर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का गठन कब हुआ?

2004 के लोकसभा चुनाव के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार बनी और डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) प्रधानमंत्री बने। यूपीए की सरकार को सपा और वाम दलों का भी बाहर से समर्थन प्राप्त था। इस चुनाव में यूपीए को 222 सीटें मिली थीं। बाद में, 2008 में वाम दलों ने यूपीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, तब सपा ने सरकार को गिरने से बचाया था।

Former PM of India Manmohan Singh

इसके बाद 2009 में हुए लोकसभा में फिर से यूपीए की सरकार बनी और मनमोहन सिंह लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। यूपीए को इस चुनाव में 262 सीटें मिली थीं। इसके बाद 2014 में फिर से राजग के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार आई और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने। इस गठबंधन की अभी तक सरकार चल रही है।

Prime Minister of India Narendra Modi

गठबंधन की सरकार कब बनती है?

जब चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिलता, तब गठबंधन की सरकार बनती है। इसकी वजह भारत में बहुदलीय व्यवस्था का होना है। कई दल होने की वजह से किसी एक पार्टी को बहुमत मिलना मुश्किल होता है।

गठबंधन की राजनीति के लाभ

सरकार नहीं होती निरंकुश: गठबंधन की राजनीति का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सरकार निरंकुश नहीं हो पाती। उसे न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत काम करना होता है। इसके साथ ही, उसे गठबंधन में शामिल अन्य दलों को भी ध्यान में रखना होता है।

  • सशक्त विपक्ष का होता है निर्माण: गठबंधन की राजनीति में सशक्त विपक्ष का निर्माण भी होता है। ताजा उदाहरण कांग्रेस के नेतृत्व में हुई विपक्षी नेताओं की बैठक है, जिसमें 26 दल शामिल हुए हैं। इसकी वजह यह है कि एक अकेला दल सत्ता पक्ष से नहीं लड़ सकता। उसे अन्य सहयोगियों की जरूरत पड़ती ही है।
  • अन्य दलों का भी मिलता है सहयोग: गठबंधन की सरकार में कई दल शामिल होते हैं। इससे अन्य दलों के नेताओं की प्रतिभा का देश को लाभ मिलता है।

गठबंधन सरकार के नुकसान

  • गठबंधन सरकार के कभी भी गिरने की संभावना बनी रहती है। अक्सर ऐसा होता है कि किसी मुद्दे पर सरकार में शामिल दलों में बात नहीं बन पाती, जिससे दल अपना समर्थन वापस ले लेते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई, चंद्रेशखर और वीपी सिंह की सरकार इसका मुख्य उदाहरण है।
  • गठबंधन की सरकार में विभिन्न मंत्रालयों में तालमेल की कमी होती है, जिससे लोगों के कल्याण के लिए जरूरी योजनाएं नहीं बन पातीं। अलग-अलग दलों के मंत्री होने के चलते शासन चलाने में गतिरोध पैदा होता है।
  • गठबंधन सरकार में टकराव भी देखने को मिलता है, जिससे कानूनों को लागू करने में भी परेशानी होती है।
  • गठबंधन में स्थायित्व नहीं होता। इसका प्रमाण हमें राज्यों में देखने को मिलता है। बिहार मे जहां नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन का हिस्सा बन गए हैं तो वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी सपा का साथ छोड़कर अब फिर से वापस एनडीए में आ गई है।

गठबंधन शब्द कहां से आया?

गठबंधन शब्द लैटिन भाषा के कोलिटियो से मिलकर बना है। इसका मतलब होता है- एक साथ बढ़ना।