जम्‍मू-कश्‍मीर में जम्हूरियत का त्यौहार, लोकसभा चुनाव से 5% अधिक मतदान; कुल कितने प्रतिशत हुई वोटिंग?

  • Story By: जागरण न्‍यूज

जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। बुधवार को दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान मतदाताओं ने उत्‍साह के साथ वोटिंग की। 2nd फसे में लोकसभा चुनाव से पांच प्रतिशत अधिक मतदान हुआ।

राज्य ब्यूरो,श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में जारी लोकतंत्र के महोत्सव में बुधवार को एलओसी के साथ सटे राजौरी-पुंछ से लेकर जोजिला की तलहट्टी में स्थित कंगन तक मतदाताओं ने भयमुक्त वातावरण में पूरे उत्साह और उल्लास के साथ बदलाव के लिए मतदान किया। कुछ एक जगहों पर पोलिंग एजेंटों के बीच हुई हल्की नोंक-झोंक और धक्का-मुक्की की कुछ घटनाओं को नजरंदाज कर दिया जाए तो मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। लगभग 57.03 प्रतिशत मतदान हुआ और किसी भी जगह दोबारा मतदान की जरूरत नहीं है। 

सुबह से लाइन में लगकर डाले वोट

जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं में मतदान को लेकर उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हजरतबल, रियासी और राजौरी में कुछ मतदान केंद्रों में रात सात बजे तक भी मतदाताओं की कतार लगी रहीं। यह सभी मतदाता शाम छह बजे मतदान की समय सीमा समाप्त होने से पहले मतदान केंद्र में पहुंच चुके थे। 

लोकसभा चुनाव से ज्यादा पड़े विधानसभा चुनाव में वोट

इसी वर्ष लोकसभा चुनाव में हुए मतदान से तुलना की जाए तो आज इन विधानसभा क्षेत्रों में चार प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके पोले ने कहा कि परिसीमन के बाद सभी निर्वाचन केंद्रों का स्वरूप बदल चुका है। इसलिए वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में हुए मतदान के साथ मौजूदा मतदान की तुलना नहीं की जा सकती। 

अलबत्ता, लोकसभा चुनाव 2024 में हुए मतदान के आधार पर अगर आज के मतदान की तुलना की जाए तो आज जिन विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग हुई है, लोकसभा चुनाव में वहां 52.17 प्रतिशत मतदान हुआ था और आज 57.03 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो चार प्रतिशत ज्यादा है। 

उन्होंने कहा कि आज एक भी मतदान केंद्र ऐसा नहीं है, जहां दहाई की संख्या से कम मतदान हुआ हो या एक भी वोट नहीं पड़ा हो। अभी मतदान प्रतिशत का अंतिम आंकड़ा तय नहीं किया जा सकता, क्योंकि डाक मत और विस्थापित कश्मीरी हिंदु मतदाताओं के वोटों का आंकड़ा प्राप्त किया जाना है। वीरवार की दोपहर बाद ही अंतिम आंकड़ा तय होगा।

10 वर्ष बाद मौका मिला है, फायदा उठाओ

हमें असली बदलाव चाहिए ताकि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी के फैसले को दूसरा अपनी मर्जी से न ले सके। हमारी जिंदगी आसान हो, हमारे बच्चों को रोजगार मिले। फिर से जम्मू कश्मीर एक राज्य बने। हमारी पहचान और संस्कृति बरकरार रहे। यहां नशाखोरी न हो, ये वे मुद्दे हैं जिन पर बुधवार को मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। 

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दूसरे चरण का मतदान संपन्न हुआ है। मतदान के दौरान कहीं असुरक्षा की भावना नहीं थी। कोई भी चुनाव बहिष्कार का जिक्र नहीं कर रहा था, क्योंकि सभी कह रहे थे कि चुनाव बहिष्कार से फायदा नहीं नुकसान होता है, सरकार सही नहीं बनती। अब 10 वर्ष बाद मौका मिला है, फायदा उठाओ। छह जिलों में मतदाताओं के लिए 3502 मतदान केंद्र बनाए गए थे।