Aja Ekadashi 2023: अजा एकादशी पर रवि पुष्य योग समेत बन रहे हैं ये 3 शुभ योग, प्राप्त होगा अक्षय फल
Aja Ekadashi 2023 धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति के आय आयु सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही व्यक्ति को सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। अजा एकादशी के दिन रवि पुष्य योग समेत 3 शुभ योग बन रहे हैं।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Aja Ekadashi 2023: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साल 2023 में रविवार 10 सितंबर को अजा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति के आय, आयु, सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही व्यक्ति को सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट से मुक्ति मिलती है। अजा एकादशी के दिन रवि पुष्य योग समेत 3 शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में भगवान नारायण और मां लक्ष्मी की आराधना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जन्म जन्मांतर में किए गए पाप कट जाते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 09 सितंबर को रात 09 बजकर 17 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 10 सितंबर को रात 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 10 सितंबर को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। साधक 10 सितंबर को सुबह 07 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक जगत के पालनहार की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
शुभ योग
- ज्योतिषियों की मानें तो अजा एकादशी के दिन वरीयान् योग का निर्माण हो रहा है। वरीयान् योग प्रातः काल 11 बजकर 20 मिनट तक है। इस योग में शुभ कार्य करने की अनुमति होती है। शुभ कार्यों के लिए वरीयान् योग श्रेष्ठ माना जाता है।
- अजा एकादशी के दिन रवि पुष्य योग का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष रवि पुष्य योग को उत्तम बताते हैं। इस योग में भगवान नारायण की पूजा करने से साधक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। रवि पुष्य योग संध्याकाल 05 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर अगले दिन प्रातः काल 06 बजकर 01 मिनट तक है। इस योग में आप खरीदारी कर सकते हैं।
- भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अजा एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग संध्याकाल 05 बजकर 06 मिनट से शुरू होकर अगले दिन प्रातः काल 06 बजकर 01 मिनट तक है। इस समय नए काम का शुभारंभ या श्रीगणेश कर सकते हैं। साथ ही अन्य शुभ कार्य भी कर सकते हैं।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।