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Aja Ekadashi 2024: गुरुवार के दिन रखा जाएगा अजा एकादशी का व्रत, हल्दी के उपाय दिला सकते हैं सफलता

भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि भगवान विष्णु पूरे संसार का पालन करते हैं। एकादशी (Aja Ekadashi 2024) के दिन विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन यदि आप हल्दी से जुड़े कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपको जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 28 Aug 2024 04:44 PM (IST)
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Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी पर हल्दी के उपाय।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। इस तिथि पर कई साधक निर्जला व्रत भी करते हैं। ऐसा करने से साधक को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। इस बार अजा एकादशी का व्रत गुरुवार, 29 अगस्त को रखा जाएगा। एकादशी तिथि और गुरुवार, दोनों ही भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित माने गए हैं। ऐसे में आप इस दिन हल्दी से जुड़े कुछ उपाय कर विष्णु जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

बनी रहेगी विष्णु जी की कृपा

अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के दौरान उन्हें एक चुटकी हल्दी जरूर अर्पित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से श्री हरि अति प्रसन्न होते हैं और साधक व उसके परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। साथ ही इस दिन हल्दी अर्पित करने से साधक के सभी कष्ट भी दूर हो जाते हैं।

जरूर करें ये काम

एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा जरूर करें। इस दौरान विष्णु जी और माता लक्ष्मी को हल्दी और चने की दाल अर्पित करनी चाहिए। साथ ही आप इन दोनों चीजों का दान भी कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक को विष्णु जी की कृपा के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है। जिससे आर्थिक समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

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वैवाहिक जीवन में नहीं आएगी बाधा

यदि आपके शादीशुदा जीवन में लड़ाई-झगड़े बने हुए हैं, तो इसके लिए अजा एकादशी के दिन पति-पत्नी को मिलकर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और इसके बाद पूजा के दौरान विष्णु जी को हल्दी की गांठ अर्पित करें। ऐसा करने से प्रभु श्री हरि की कृपा से शादीशुदा जीवन खुशहाल बना रहता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।