Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, भगवान विष्णु हो सकते हैं नाराज
Apara Ekadashi 2024 Niyam धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर श्री हरि की उपासना करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है और सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष अपरा एकादशी व्रत 02 जून (Apara Ekadashi 2024 Date) को किया जाएगा।
धर्म डेस्क,नई दिल्ली। Apara Ekadashi 2024 Shubh Muhurat: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बेहद खास महत्व है। इस अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर श्री हरि की उपासना करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है और सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष अपरा एकादशी व्रत 02 जून को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अपरा एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। चलिए जानते हैं अपरा एकादशी पर किन कार्यों को करने से बचना चाहिए?
अपरा एकादशी ने करें ये कार्य
- अपरा एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि एकादशी पर चावल खाने से जातक को अगला जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में मिलता है।
- इसके अलावा एकादशी के दिन नाखून या बाल नहीं कटवाने चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तरह के कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और भगवान विष्णु रुष्ट हो सकते हैं।
- अपरा एकादशी पर मंदिर गंदा नहीं होना चाहिए। पूजा स्थल गंदा होने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। साथ ही धन की मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
- अपरा एकादशी व्रत में शैंपू, तेल और साबुन का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
- इसके अलावा अपरा एकादशी व्रत में किसी इंसान के प्रति मन में गलत नहीं सोचना चाहिए।
पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 02 जून को सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 03 जून को मध्यरात्रि 02 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में अपरा एकादशी व्रत 02 जून को किया जाएगा।यह भी पढ़ें: Ekadashi 2024 June Date: जून में कब कौन सी एकादशी है? जानें पूजा का समय
अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।
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