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Dev Uthani Ekadashi 2024: विवाह में आ रही है बाधा, तो इन उपाय से जल्द बजेगी शहनाई

सनातन शास्त्रों में देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2024) को महत्वपूर्ण व्रत बताया गया है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। साथ ही दुख और संकट से छुटकारा पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। मान्यता है कि व्रत करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 05 Nov 2024 03:04 PM (IST)
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Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी के उपाय
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत किया जाता है। साथ ही जगत के जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2024) के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के योग निद्रा से जागते हैं और मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इसी वजह से इस एकादशी का बेहद खास महत्व है। इस दिन उपाय करना फलदायी माना गया है। अगर आप विवाह में बाधा का सामना कर रहे हैं, तो इस लेख में दिए उपाय को देवउठनी एकादशी पर करें। मान्यता है कि इन उपाय को करने से विवाह में आ रही रुकावट दूर होगी। साथ ही जल्द विवाह के योग बनेंगे।

करें ये उपाय

  • अगर आप विवाह में किसी तरह की बाधा का सामना कर रहे हैं, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए देवउठनी एकादशी का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु को केसर या पीले चंदन का तिलक लगाएं। ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को करने से जल्द विवाह के योग बनते हैं।
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  • देवउठनी एकादशी के अवसर पर तुलसी विवाह करना उत्तम माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन तुलसी विवाह करने से शादी में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है और मनचाहा वर मिलता है।
  • वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा-अर्चना करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को सच्चे मन से करने से वैवाहिक जीवन सदैव खुशहाल रहता है और रिश्ते में मधुरता आती है।

देवउठनी एकादशी 2024 डेट और टाइम (Dev Uthani Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट पर होगा। इस प्रकार 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इसके अगले दिन तुलसी विवाह का पर्व भी मनाया जाएगा। एकादशी व्रत पारण करने का मुहूर्त इस प्रकार है-

देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 12 नवंबर को सुबह 06 बजकर 42 मिनट से लेकर 08 बजकर 51 मिनट तक है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।