Move to Jagran APP

Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी पर मां लक्ष्मी को इस तरह करें प्रसन्न, धन की होगी प्राप्ति

हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवशयनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस अवसर पर भगवन विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मत है कि ऐसा करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से धन लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 16 Jul 2024 12:57 PM (IST)
Hero Image
Kab Hai Devshayani Ekadashi 2024: ऐसे पाएं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dhan Lakshmi Stotram Lyrics: जगत के पालनहार भगवान विष्णु को एकादशी तिथि समर्पित है। देवशयनी एकादशी सनातन धर्म के लोगों के बीच बेहद धार्मिक महत्व रखती है। इस तिथि से चार महीनों तक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि श्री हरि योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दिन धन लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से जातक को धन की प्राप्ति होती है। साथ ही मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

यह भी पढ़ें: Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी पर इस तरह जलाएं चौमुखी दीपक, श्री हरि होंगे प्रसन्न

धन लक्ष्मी स्तोत्र (Dhan Lakshmi Stotram)

धनदे धनपे देवी, दानशीले दयाकरे। त्वम् प्रसीद महेशानी यदर्थं प्रार्थयाम्यहम ।।1।।

धरामरप्रिये पुण्ये, धन्ये धनद-पूजिते। सुधनं धार्मिकं देहि ,यजमानाय सत्वरम ।।2।।

रम्ये रुद्रप्रियेअपर्ने, रमारूपे रतिप्रिये। शिखासख्यमनोमूर्ते प्रसीद प्रणते मयी ।।3।।

आरक्त -चरणामभोजे, सिद्धि-सर्वार्थदायिनी। दिव्याम्बर्धरे दिव्ये ,दिव्यमाल्यानुशोभिते ।।4।।

समस्तगुणसम्पन्ने, सर्वलक्षण -लक्षिते। शरच्चंद्रमुखे नीले ,नीलनीरद- लोचने ।।5।।

चंचरीक -चमू -चारू- श्रीहार -कुटिलालके। दिव्ये दिव्यवरे श्रीदे ,कलकंठरवामृते ।।6।।

हासावलोकनैर्दिव्येर्भक्तचिन्तापहारिके। रूप -लावण्य-तारुण्य -कारुण्यगुणभाजने ।।7।।

क्वणत-कंकण-मंजीरे, रस लीलाकराम्बुजे। रुद्रव्यक्त -महतत्वे ,धर्माधारे धरालये ।।8।।

प्रयच्छ यजमानाय, धनं धर्मैक -साधनं। मातस्त्वं वाविलम्बेन, ददस्व जगदम्बिके ।।9।।

कृपाब्धे करूणागारे, प्रार्थये चाशु सिद्धये। वसुधे वसुधारूपे ,वसु-वासव-वन्दिते ।।10।।

प्रार्थिने च धनं देहि, वरदे वरदा भव। ब्रह्मणा ब्राह्मणेह पूज्या ,त्वया च शंकरो यथा ।।11।।

श्रीकरे शंकरे श्रीदे प्रसीद मयी किन्करे। स्तोत्रं दारिद्र्य -कष्टार्त-शमनं सुधन -प्रदम ।। 12।।

पार्वतीश -प्रसादेन सुरेश किन्करे स्थितम। मह्यं प्रयच्छ मातस्त्वं त्वामहं शरणं गतः ।।13।।

देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई 2024 को रात्रि 08 बजकर 33 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 17 जुलाई को रात 09 बजकर 02 मिनट पर होगा। ऐसे में इस वर्ष देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।

यह भी पढ़ें: Budh Gochar 2024: सावन में इन 3 राशियों पर बरसेगी बुध देव की विशेष कृपा, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।