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Devshayani Ekadashi 2024: इस दिन से निद्रा में जा रहे हैं श्री हरि, कौन करेगा संसार का संचालन?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है। ऐसे में जब देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तो यह सवाल उठता है कि अब संसार का संचालन कौन करेगा। तो चलिए जानते हैं कि भगवान विष्णु योग निद्रा में क्यों जाते हैं और इस दौरान संसार का संचालन कौन करता है?

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 29 Jun 2024 02:12 PM (IST)
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Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी के बाद कौन करता है संसार का संचालन।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है, इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इसके 4 महीने बाद देव उठनी एकादशी पर पुनः निद्रा से जागते हैं। इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा मिलती है।

देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Devshayani Ekadashi Shubh Muhurat)

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई 2024 को रात्रि 08 बजकर 33 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 17 जुलाई को रात 09 बजकर 02 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024, बुधवार के दिन मनाई जाएगी।

मिलती है ये पौराणिक कथा

भागवत पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु ने देवराज इंद्र को स्वर्ग पर पुनः अधिकार दिलाने के लिए वामन अवतार लिया। कथा के अनुसार, असुरों के राजा बलि ने तीनों लोक पर अधिकार स्थापित कर लिया था। तब वामन भगवान, राजा बलि के पास पहुचे और उनसे तीन पग भूमि का दान मांगा। राजा बलि इसे स्वीकार कर लेते हैं। तब वामन भगवान ने एक पग में, संपूर्ण धरती, आकाश और सभी दिशाओं को नाप लिया। वहीं दूसरे पग में उन्होंने स्वर्ग लोक को नाप लिया। इसके बाद उन्होंने बलि से पूछा कि अब में तीसरा पग कहां रखूं। तब राजा बलि ने अपना सिर आगे कर दिया।

राजा बलि को मिला ये वरदान

राजा बलि की यह दानशीलता देखकर भगवान प्रसन्न हो गए और उन्होंने वरदान मांगने को कहा। तब राजा बलि ने कहा कि आप मेरे साथ मेरे महल में रहें और मुझे अपनी सेवा का सौभाग्य प्रदान करें। लेकिन इस वचन से मां लक्ष्मी विचलित हो गई और उन्होंने राजा बलि को अपना भाई बनाकर उन्हें भगवान विष्णु को वचन मुक्त करने को कहा। तब भगवान विष्णु ने कहा कि वह चार माह के लिए पाताल लोक में शयन करेंगे। इस दौरान सृष्टि का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे, इसलिए नारायण भगवान ने भगवान शिव को इन 4 महीनों के लिए पूरे जग का संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी। इसलिए यह माना जाता है कि चातुर्मास के दौरान संसार का संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।