Move to Jagran APP

Ekadashi 2024 June Date: जून में कब कौन सी एकादशी है? जानें पूजा का समय

हर महीने में दो बार एकादशी (Ekadashi 2024) का व्रत किया जाता है एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस दिन भगवान श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार एकदशी व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और प्रभु का आशीर्वाद मिलता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Wed, 22 May 2024 12:10 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2024 12:10 PM (IST)
Ekadashi 2024 June Date: जून में कब कौन सी एकादशी है? जानें पूजा का समय

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। June me kab hai ekadashi: एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत किया जाता है। साथ ही श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और प्रभु का आशीर्वाद मिलता है। इस बार जून माह में कब कौन सी एकादशी पड़ेगी? आइए जानते हैं उसकी डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

यह भी पढ़ें: Vishnu Sahasranamam: विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय ध्यान रखें ये नियम, छूमंतर हो जाएंगी सारी समस्याएं

अपरा एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 02 जून को सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 03 जून को मध्यरात्रि 02 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में अपरा एकादशी व्रत 02 जून को किया जाएगा।

निर्जला एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार, निर्जला एकादशी की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से होगी और वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में निर्जला एकदशी व्रत 18 जून को किया जाएगा।

इन मंत्रो का करें जाप

विष्णु के पंचरूप मंत्र

ॐ अं वासुदेवाय नम:।।

ॐ आं संकर्षणाय नम:।।

ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।

ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।

ॐ नारायणाय नम:।।

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

यह भी पढ़ें: Nautapa 2024: घर में चाहते हैं मां लक्ष्मी का वास, तो नौतपा में जरूर लगाएं ये पौधे

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.