Indira Ekadashi 2024: पितरों को नहीं करना चाहते नाराज, तो इंदिरा एकादशी पर जरूर करें ये उपाय
हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर इंदिरा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस साल यह व्रत शनिवार 28 सितंबर को किया जा रहा है। पितृ पक्ष में आने के कारण इस एकादशी पर आप कुछ ऐसे उपाय कर सकते हैं जिनके द्वारा नाराज पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। चलिए जानते हैं वह उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष में आने वाली इंदिरा एकादशी (Pitru Paksha Ekadashi) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु के साथ-साथ पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए भी बहुत ही उत्तम मानी जाती है। ऐसे में आप इस तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।
मिलता है सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
इंदिरा एकादशी के लेकर शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि इस तिथि पर पितरों के निमित्त दक्षिण दिशा में दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही इस दिन एक काले कपड़े में एक मुट्ठी दाल काले तिल बांधकर उन्हें घर की दक्षिण दिशा में रख दें। अब इन्हें द्वादशी तिथि के दिन किसी गाय को खिला दें। इस उपाय को करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
जरूर करें ये काम
पीपल के पेड़ में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है। ऐसे में इंदिरा एकादशी पर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जरूर जलाएं और पीपल की 11 बार परिक्रमा करें। इसी के साथ आप वृक्ष के नीचे बैठकर विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का भी पाठ जरूर कर सकते हैं। ऐसा करने से पितरों की दया दृष्टि आपके और परिवार के ऊपर बनी रहती है।
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करें इस मंत्र का जाप
पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए इंदिरा एकादशी पर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का कम-से-कम 108 बार जाप करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और साधक के सभी कार्य बनने लगते हैं। इसी के साथ पितृ पक्ष की एकादशी पर जरूरतमंदों और गरीबों में घी, दूध, दही और चावल का दान करें। इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
यह भी पढ़ें - Indira Ekadashi 2024: पितरों की मुक्ति के लिए उत्तम है इंदिरा एकादशी, जरूर करें इस चालीसा का पाठअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।