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    Indira Ekadashi Katha: इंदिरा एकादशी के दिन करें इस कथा का पाठ, सभी दुखों से मिलेगी मुक्ति

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 08:24 AM (IST)

    सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन व्रत का कथा (Indira Ekadashi Vrat Katha) का पाठ करने से साधक को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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    indira ekadashi vrat katha: इस कथा के पाठ के बिना अधूरा है इंदिरा एकादशी व्रत

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 17 सितंबर (Indira Ekadashi 2025 Date) को इंदिरा एकादशी (indira ekadashi ki kahani) व्रत किया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों का दान किया जाता है।

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    धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन उपासना और व्रत करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है। इस तिथि पर पूर्वजों का तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे साधक को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आइए पढ़ते हैं इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi Katha) की व्रत कथा।

    इंदिरा एकादशी व्रत कथा (Indira Ekadashi Vrat katha)

    सतयुग (indira ekadashi vrat katha in hindi) में इंद्रसेन नाम का राजा था। वह माहिष्मती क्षेत्र में शासन किया करते थे। वह जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते थे। एक बार ऐसा समय आया कि जब देवर्षि नारद राजा इंद्रसेन की सभा में पहुचें। इंद्रसेन ने उनकी सेवा की और सभा में आने का कारण पूछा। उन्होंने कहा कि वह कुछ दिन पहले वो यमलोक गए थे, जहां उनकी मुलाकात आपके (इंद्रसेन) के पिता से हुई।

    उनके पिता ने बताया कि व्रतभंग होने की वजह से वो यमलोक की पीड़ा का सामना करने के लिए मजबूर है। इसी वजह से उन्होंने आपके लिए मेरे द्वारा संदेश भेजा है कि आप आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखें। इस व्रत को करने से वो स्वर्गलोक को प्राप्त कर सकें।

    इसके बाद इंद्रसेन (aaj ki ekadashi ki katha) ने विधिपूर्वक इंदिरा एकादशी व्रत किया और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चन की। राजा इंद्रसेन ने मौन रह कर गौ दान किया। इस व्रत के फल से उनके पिता को यमलोक की पीड़ा से छुटकारा मिला और बैकुंठ लोक की प्राप्ति हुई। इसी वजह से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम इंदिरा एकादशी पड़ा।

    इंदिरा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)

    इस बार आज यानी 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी व्रत (Indira Ekadashi 2025 Kab hai) किया रहा है।

    आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत-17 सितंबर को देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर

    आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 17 सितंबर को देर रात 11 बजकर 39 मिनट पर

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।