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Jaya Ekadashi 2024: जया एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना मिलेंगे अशुभ परिणाम

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार माघ माह में 20 फरवरी को जया एकादशी व्रत रखा जाएगा। साधक इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखते हैं और उनसे सुख-शांति का आशीर्वाद मांगते हैं। एकादशी व्रत की शुरुआत सूर्योदय से होती है और अगले दिन द्वादशी तिथि को समाप्त होता है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sun, 18 Feb 2024 09:22 AM (IST)
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Jaya Ekadashi 2024: जया एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना मिलेंगे अशुभ परिणाम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Jaya Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अधिक महत्व है। यह शुभ दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार माघ माह में 20 फरवरी को जया एकादशी व्रत रखा जाएगा। साधक इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखते हैं और उनसे सुख-शांति का आशीर्वाद मांगते हैं। एकादशी व्रत की शुरुआत सूर्योदय से होती है और अगले दिन द्वादशी तिथि को समाप्त होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जया एकादशी के दिन कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही है। माना जाता है कि जिनको करने से इंसान को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है और भगवान श्रीहरि रुष्ट हो सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि जया एकादशी के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

जया एकादशी के दिन न करें ये कार्य

-सनातन धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय है। रोजाना इस पौधे की पूजा की जाती है और इसमें जल अर्पित किया जाता है। एकादशी तिथि के दिन तुलसी में जल अर्पित करना वर्जित है। माना जाता है कि इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए एकादशी के दिन तुलसी में भूलकर जल नहीं देना चाहिए।

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-जया एकादशी के दिन किसी इंसान के प्रति गलत नहीं सोचना चाहिए और न ही किसी की बुराई करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और भजन-कीर्तन करना चाहिए।

-एकादशी के दिन चावल का सेवन करने की मनाही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चावल खाने से इंसान को रेंगने वाले जीव की योनि में अगला जन्म मिलता है।

-इसके अलावा तामसिक भोजन और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

जया एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में एकादशी व्रत अधिक महत्वपूर्ण है। पंचांग के अनुसार, जया एकादशी तिथि का प्रारंभ 19 फरवरी को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से होगा और इसके अगले दिन यानी 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 55 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, जया एकादशी व्रत 20 फरवरी को है।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।