Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी पर जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अपरा एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। मान्यता है कि एकादशी तिथि पर श्री हरि की उपासना करने से सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shri Hari Stotram Lyrics: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का अधिक महत्व है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है। मान्यता है कि एकादशी तिथि पर श्री हरि की उपासना करने से सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष अपरा एकादशी व्रत 02 जून को किया जाएगा। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं, तो अपरा एकादशी की पूजा के दौरान श्रीहरि स्तोत्र का पाठ (Shri Hari Stotram Ka Path) करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और जातक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। आइए पढ़ते हैं श्रीहरि स्तोत्र।
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।।श्रीहरि स्तोत्र।।जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालंनभोनीलकायं दुरावारमायंसुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासंजगत्सन्निवासं शतादित्यभासंगदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रंहसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारंजलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपंध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥जराजन्महीनं परानन्दपीनंसमाधानलीनं सदैवानवीनंजगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुंत्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥कृताम्नायगानं खगाधीशयानंविमुक्तेर्निदानं हरारातिमानंस्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलंनिरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशंजगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहंसुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठंगुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठंसदा युद्धधीरं महावीरवीरंमहाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥रमावामभागं तलानग्रनागंकृताधीनयागं गतारागरागंमुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतंगुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥फलश्रुतिइदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकंजराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥यह भी पढ़ें: Rahu-Ketu Gochar 2024: राहु-केतु के गोचर से 4 राशियों की बदलेगी किस्मत, दूर होंगे सभी दुख और कष्ट
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