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Kamika Ekadashi 2024: कामिका एकादशी पर इस सरल विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, बिगड़े काम होंगे पूरे

सनातन शास्त्रों में कामिका एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता के अनुसार कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से बिगड़े काम पूरे होते हैं। अगर आप भी श्री हरि को प्रसन्न करना चाहते हैं तो कामिका एकादशी पर विधिपूर्वक उपासना (Kamika Ekadashi Puja Vidhi) करें। इससे जातक की मनोकामना पूर्ति होती है। चलिए जानते हैं एकादशी पर प्रभु की पूजा कैसे करनी चाहिए?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 27 Jul 2024 11:08 AM (IST)
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Kamika Ekadashi 2024 Date: ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Kamika Ekadashi 2024: सनातन धर्म में जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी तिथि का खास महत्व है। पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2024 में यह एकादशी 31 जुलाई को है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। इस लेख में जाने कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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कामिका एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Kamika Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 30 जुलाई को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 31 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में 31 जुलाई को कामिका एकादशी व्रत किया जाएगा।

कामिका एकादशी पूजा विधि (Kamika Ekadashi Puja Vidhi)

  • कामिका एकादशी के दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
  • मंदिर की सफाई करें।
  • अब व्रत का संकल्प लें।
  • चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें।
  • अब फल और पंचामृत का भोग लगाएं।
  • देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और विष्णु जी के मंत्रो का जप करें।
  • सच्चे मन से कामिका एकादशी की कथा का पाठ करें।
  • व्रत का पारण द्वादशी तिथि में करें।
  • इस दौरान गरीब लोगों में अन्न, वस्त्र और धन का दान करना चाहिए।

इन मंत्रों का करें जप (Lord Vishnu Mantra)

1. ऊँ श्री त्रिपुराय विद्महे तुलसी पत्राय धीमहि तन्नो: तुलसी प्रचोदयात।

2. ॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।

3. तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया ।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया ।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।