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Parivartini Ekadashi के व्रत फलाहार में इन चीजों को करें शामिल, चमक सकती है आपकी किस्मत

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की परिवर्तिनी एकादशी का व्रत आज यानी 14 सितंबर (Parivartini Ekadashi 2024) को किया जा रहा है। एकादशी व्रत को अधिक शुभ माना जाता है। व्रत के दौरान खानपान के नियम का पालन करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नियमों का पालन न करने से साधक विष्णु जी की कृपा प्राप्ति से वंचित रहता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 14 Sep 2024 11:47 AM (IST)
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Lord Vishnu: एकादशी व्रत में करें इन चीजों का सेवन
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सभी पर्व और व्रत का विशेष महत्व है। इसी तरह जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी तिथि का खास महत्व है। एकादशी व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर किया जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर परिवर्तिनी एकादशी व्रत किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से साधक की किस्मत चमक सकती है। चलिए जानते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi Falahar List) व्रत में किन चीजों का सेवन कर सकते हैं।

परिवर्तिनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Parivartini Ekadashi Shubh Muhurat) तिथि 13 सितंबर को रात 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 14 सितंबर को रात 08 बजकर 41 मिनट पर होगा। ऐसे में परिवर्तिनी एकादशी व्रत आज यानी 14 सितंबर को किया जा रहा है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। ऐसे में व्रत का पारण 15 सितंबर को सुबह 06 बजकर 06 मिनट से लेकर 08 बजकर 34 मिनट तक कर सकते हैं।

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इन चीजों का करें सेवन

अगर आप परिवर्तिनी एकादशी व्रत रख रहे हैं, तो अन्न और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। एकादशी व्रत में आलू साबूदाने की सब्जी, कुट्टू के आटे की रोटी, दूध, दही और फल का सेवन कर सकते हैं। इन चीजों को ग्रहण करने से पहले प्रभु को भोग जरूर लगाएं। साथ ही पंचामृत और तुलसी के पत्ते भी शामिल करें। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।

जरूर लगाएं भोग

इन सभी चीजों को ग्रहण करने से पहले भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को भोग जरूर लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोग लगाते समय निम्न मंत्र का जप करें। मान्यता है कि मंत्र के जप के बिना प्रभु भोग स्वीकार नहीं करते हैं।

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।