Move to Jagran APP

Kamika Ekadashi 2024: कब है सावन महीने की पहली एकादशी? नोट करें सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व (Kamika Ekadashi Importance) है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। भगवान विष्णु की पूजा करने से व्रती को मृत्यु लोक में ही स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्रती के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 19 Jun 2024 04:16 PM (IST)
Hero Image
Kamika Ekadashi 2024: कब मनाई जाएगी कामिका एकादशी ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kamika Ekadashi 2024: हर वर्ष सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु एवं धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। इस अवसर पर व्रती सुबह में उठकर घर की साफ-सफाई करते हैं। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद व्रती स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। साथ ही एकादशी का व्रत रखते हैं। इस व्रत की महिमा शास्त्रों में निहित है। एकादशी व्रत के पुण्य-प्रताप से अनजाने में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अत: वैष्णव समाज के लोग विधि-विधान से एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। आइए, कामिका एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

यह भी पढ़ें: कब और कैसे हुई धन की देवी की उत्पत्ति? जानें इससे जुड़ी कथा एवं महत्व


शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को संध्याकाल 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 31 जुलाई को संध्याकाल 03 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में व्रत-त्योहार के लिए सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है। अत:31 जुलाई को सावन माह की पहली एकादशी मनाई जाएगी। आसान शब्दों में कहें तो 31 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी। व्रती 1 अगस्त को सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर 08 बजकर 24 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।

योग

कामिका एकादशी पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक है। ज्योतिष ध्रुव योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि मिलेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है।

शिववास योग

कामिका एकादशी पर देवों के देव महादेव कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे। दोनों समय अभिषेक के लिए अनुकूल है। इस समय में भगवान नारायण की भी पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी।

यह भी पढ़ें: शुक्रवार के दिन पूजा के समय करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।