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Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी पर किए गए ये काम, बन सकते हैं विष्णु जी की नाराजगी का कारण

हर माह में दो बार एकादशी तिथि मनाई जाती है एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। सनातन धर्म में एकादशी को विशेष महत्व दिया गया है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की आराधना करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि मोहिनी एकादशी पर किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Fri, 17 May 2024 11:31 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2024 11:31 AM (IST)
Mohini Ekadashi 2024 मोहिनी एकादशी पर न करें ये काम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mohini Ekadashi 2024 Niyam: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष में मोहिनी एकादशी व्रत किया जाता है। हिंदू धर्म में इस तिथि को विष्णु जी की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना गया है। कई भक्तजन इस दिन निर्जला उपवास भी रखते हैं। ऐसे में एकादशी तिथि पर कुछ कार्यों से दूर रहना चाहिए, अन्यथा इसके अशुभ परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।

मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi Shubh Muhurat)

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 18 मई को सुबह 09 बजकर 52 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, यह तिथि 19 मई को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मोहिनी एकादशी का व्रत 19 मई, रविवार के दिन किया जाएगा।

भूलकर भी न करें ये काम

एकादशी के दिन भूलकर भी चावल या चावल से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। भले ही आपके एकादशी का व्रत न किया हो, लेकिन फिर भी इस दिन चावलों के सेवन से बचना चाहिए। इस दिन आपका भोजन बिलकुल सात्विक होना चाहिए।

तुलसी संबंधी नियम

एकादशी तिथि पर भूलकर तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ने चाहिए, और न ही तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी माता भी भगवान विष्णु के निमित्त एकादशी का व्रत करती हैं।

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इन बातों का भी रखें ध्यान

एकादशी के दिन किसी के साथ भी लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए और न ही किसी को अपशब्दों कहने चाहिए। इस दिन अपना ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की भक्ति करने में बिताएं। साथ ही एकादशी पर यदि आप किसी बड़े-बुजुर्ग या स्त्री का अपमान करते हैं, तो इससे भी आपको एकादशी व्रत का लाभ नहीं मिलता।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


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