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Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी व्रत में जरूर करें इस कथा का पाठ, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति

ज्येष्ठ माह में निर्जला एकादशी व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी पर श्री हरि की उपासना करने से पापों से छुटकारा मिलता है। निर्जला एकादशी व्रत में कथा का पाठ न करने से पूजा पूर्ण नहीं होती है। इसलिए कथा जरूर पढ़नी चाहिए। ऐसे आइए पढ़ते हैं निर्जला एकादशी व्रत कथा।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 15 Jun 2024 12:14 PM (IST)
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Nirjala Ekadashi 2024: निर्जला एकादशी व्रत में जरूर करें इस कथा का पाठ, सभी पापों से मिलेगी मुक्ति
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Nirjala Ekadashi 2024 Vrat Katha: निर्जला एकादशी व्रत का बेहद खास महत्व है। इस अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। साथ ही जीवन के दुखों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है। इसलिए निर्जला एकादशी व्रत की गणना कठोर व्रत में की जाती है। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष निर्जला एकादशी व्रत 18 जून (Nirjala Ekadashi 2024 Date) को है।

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निर्जला एकादशी 2024 व्रत कथा (Nirjala Ekadashi 2024 Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, भीमसेन अपने भाइयों में से भोजन का अधिक प्रेमी था। उन्होंने वेद व्यास को बताया कि उसके सभी भाई भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का व्रत करते हैं, लेकिन मेरे (भीमसेन) लिए हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत करना बेहद कठिन है।

भीमसेन ने वेद व्यास से पूछा कि कोई ऐसा व्रत बताए, जिसको करने से स्वर्ग की प्राप्ति हो जाए। इसके जवाब में वेद व्यास ने कहा कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में जल का भी सेवन नहीं किया जाता है। इसके बाद भीमसेन ने निर्जला एकादशी व्रत किया। इसी वजह से निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी और भीमसेनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

निर्जला एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से होगी। वहीं इस तिथि का समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को किया जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।