Nirjala Ekadashi 2024: शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक, यहां जानें निर्जला एकादशी व्रत की संपूर्ण जानकारी
निर्जला एकादशी साल की सभी एकादशी में से सबसे बड़ी यानी महत्वपूर्ण एकादशी मानी गई है। इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। ऐसे में आइए जानते हैं निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और भोग समेत आदि जानकारी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Nirjala Ekadashi 2024 Shubh Muhurat: हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। निर्जला एकादशी पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस वर्ष निर्जला एकादशी व्रत 18 जून (Nirjala Ekadashi 2024 Date) को है।
निर्जला एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से हो गया है। वहीं, इसका समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को रखा जाएगा।यह भी पढ़ें: Bada Mangal 2024: बड़ा मंगल पर हनुमान जी को इस तरह करें प्रसन्न, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता
निर्जला एकादशी पूजा विधि (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi)
- एकादशी के दिन सुबह उठें और दिन की शुरुआत श्री हरि के ध्यान से करें।
- इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
- गंगाजल का छिड़काव कर मंदिर की सफाई करें।
- चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
- प्रभु को पीले चंदन और हल्दी कुमकुम का तिलक लगाएं।
- मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाकर प्रभु की आरती करें और मंत्र का जाप करें।
- विष्णु चालीसा का पाठ करना फलदायी माना जाता है।
- अंत में प्रभु को केले, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाएं।
- लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
- अगले दिन व्रत का पारण करें।