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Nirjala Ekadashi 2024 Date: बेहद महत्वपूर्ण है निर्जला एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

साल की सभी एकादशी तिथि में से निर्जला एकादशी व्रत को बेहद महत्वपूर्ण और कठिन माना जाता है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 14 May 2024 04:54 PM (IST)
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Nirjala Ekadashi 2024 Date: बेहद महत्वपूर्ण है निर्जला एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Nirjala Ekadashi 2024: साल की सभी एकादशी तिथि में से निर्जला एकादशी व्रत को बेहद महत्वपूर्ण और कठिन माना जाता है। क्योंकि इस व्रत को भोजन और पानी के बिना किया जाता है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि प्रभु की पूजा करने से जातक को जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं निर्जला एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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निर्जला एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से होगी। वहीं इस तिथि का समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को किया जाएगा।

निर्जला एकादशी पूजा विधि (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi)

निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। क्योंकि भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। इसके बाद मंदिर की सफाई कर चौकी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें। भगवान विष्णु को पीले रंग का फूल, फल, हल्दी, अक्षत, चंदन, खीर आदि चीजें अर्पित करें और मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं। दीपक जलाकर आरती करें। प्रभु के मंत्रो का जाप और विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें। अंत में मिठाई और केले का भोग लगाएं। इस दिन श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में भोजन, वस्त्र और धन का दान करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।