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Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी पर जरूर करें तुलसी से जुड़े ये काम, धन-दौलत में होगी वृद्धि

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। यह तिथि पूर्ण रूप में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आश्विन माह में आने वाली पापांकुशा एकादशी पर आप तुलसी से जुड़े कौन-से कार्य कर सकते हैं जिससे आपको विष्णु जी की कृपा मिल सकती है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sun, 13 Oct 2024 09:36 AM (IST)
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Papankusha Ekadashi 2024 पापांकुशा एकादशी पर जरूर करें तुलसी से जुड़े ये काम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2024) का व्रत किया जाता है। हिंदू धर्म में माना गया है कि विष्णु जी को तुलसी अति प्रिय है। ऐसे में एकादशी तिथि पर तुलसी से जुड़े कुछ कार्य करने से आपको विष्णु जी की कृपा से जीवन में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

एकादशी शुभ मुहूर्त (Papankusha Ekadashi Muhurat)

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadasi 2024 October) तिथि 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में रविवार,आज यानी 13 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी व्रत किया जा रहा है, जिसका पारण सोमवार, 14 अक्टूबर को किया जाएगा।

पारण के दौरान करें ये काम

भगवान विष्णु को तुलसी दल अति प्रिय माना गया है। ऐसे में तुलसीदल को अपने मुंह में रखकर एकादशी व्रत का पारण करना चाहिए। इससे आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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अर्पित करें ये चीजें

एकादशी के दिन तुलसी मां तुलसी को सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ी, चुनरी सिंदूर के साथ-साथ रक्षा सूत्र भी अर्पित कर सकते हैं। इसी के साथ तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा करने से साधक का वैवाहिक जीवन में खुशहाल बना रहता है और जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

एकादशी के दिन भूल से भी तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए और न ही दीपक जलाना चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर माता तुलसी, भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखती हैं। ऐसे में इन कार्यों से उनके व्रत में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।